हरिद्वार, ग्वालियर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में मथुरा से आये पंडित राजेश अग्निहोत्री भागवताचार्य ने कहा कि धार्मिक पुस्तकों, अखबारों में, कैलेण्डरों में, शादी कार्डों में, अगरबत्ती, कपूर के पैकेट ,धूपबत्ती के पैकेटों सहित काफी पूजन सामग्री की पैकिंग में देवी देवताओं की फोटो छपी होती हैं। इनका प्रयोग करने के बाद या पुराना हो जाने के बाद इन सबका क्या होता है? क्या आपने कभी सोचा? उस समय मुझे काफी कष्ट हुआ जब एक व्यक्ति को मैंने पुराने अखबार पर खाना रखकर खाते हुए देखा और फिर उसी अखबार से अपने जूठे हाथों को रगड़कर उसे कचड़े के डिब्बे में फेंकते देखा।आप सोच रहे होंगे कि इसमें आश्चर्य की बात क्या है? आश्चर्य इसलिए हुआ कि जिस अखबार पर रखकर वह महोदय खाना खा रहे थे उस पर लक्ष्मी जी की फोटो छपी थी।शायद वह अखबार दीपावली के समय का होगा क्योंकि दीपावली पर ही लक्ष्मी जी की फोटो छपकर आती है और ऐसे वर्ष में कई अवसर आते हैं जब हमारे देवी देवताओं की फोटो अखबारों में छपती हैं जैसे दशहरा पर श्री राम जी की, नवरात्रि में मातारानी की आदि।अब मैंने उस व्यक्ति को तो समझा दिया और वह ऐसा दुबारा ऐसा न करने को कसम भी खाई।अब सवाल यह उठता है कि एक व्यक्ति से क्या होगा समझने से, हालांकि मैंने उससे अन्य लोगों को भी समझाने को कहा। लेकिन एक व्यक्ति कितने लोगों को समझा सकता है? तब मेरे मस्तिष्क में आया कि क्यों नहीं मैं इस बात को श्रीमद्भागवत कथा के माध्यम से समझाने का प्रयास करूं? इससे एक बार में अधिक से अधिक लोगों को जागरूक कर सकेंगे।इसी प्रकार से शादी के कार्डों में लोग गणेश जी तथा अन्य देवी देवताओं की फोटो छपबाते हैं।और पुराने लक्ष्मी गणेश, पुरानी फोटो, तस्वीरें, कैलेण्डर आदि कचड़े में डालकर चले जाते हैं। इससे उनको बहुत बड़ा दोष लगता है।आप सभी से निवेदन है कि आप लोग कार्ड में देवी देवताओं की फोटो छपबाना बन्द करें। यदि शादी का कार्ड आपको कोई देने आता है और उसमें देवी देवताओं का फोटो छपा है तो आप कार्ड न लें। तारीख और शादी समारोह का स्थान आपको याद बना रहे इसके लिए आप उस कार्ड का अपने मोबाइल में फोटो खींच लें। प्रिंट मीडिया से आग्रह है कि किसी भी देवी देवता की फोटो अखबारों में न छापें। सरकार से भी मैं मांग करता हूं कि किसी भी प्रोडक्ट पर देवी देवताओं की किसी भी कम्पनी के द्वारा फोटो न छापी जाये ऐसा कानून बनाये कि कानून का पालन न करने पर उस कंपनी पर आर्थिक दण्ड लगाया जाया। क्योंकि हमारे देवी देवताओं का अपमान हो रहा है। सभी से यह भी आग्रह है कि दुकानदार से वही प्रोडक्ट की मांग करें जिसमें देवी देवताओं की फोटो न हो यदि फोटो छपी है तो उसे न खरीदें।और आपके यहां जो पहले से फोटो, तस्वीरें आदि हैं तो विधिवत सम्मान सहित उनका विसर्जन करें। मथुरा में कोदंड पिनाक सारंग सेना संगठन बहुत अच्छा काम कर रही है आप लोग जिन खंडित मुर्तियां, फोटो, तस्वीरें कचड़े के ढेर में फेंक कर आते हैं उन सबको सारंग सेना संगठन के लोग कचड़े में से उठाकर एक जगह एकत्रित करते हैं और फिर सम्मान सहित विसर्जन करते हैं। इस संगठन को सेना से रिटायर्ड श्री ललित सूबेदार जी ने बनाया ।और वह स्वयं इस सेवा में लगे हुए हैं। आपको आश्चर्य होगा अभी चार दिन पहले कचड़े में से उठाकर लाई हुई पांच हजार मूर्तियां सम्मान सहित विसर्जन कहीं। यदि आप भी अपने शहर ग्वालियर में इस तरह का संगठन बनाकर सेवा करना चाहते हैं तो आप एक बार ललित सूबेदार जी से अवश्य सम्पर्क करें। सम्पर्क सूत्र -8445667804
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