आज से शुरू हो रहा संसद का मानसून सत्र,

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कोरोनावायरस महामारी के बीच संसद आज (सोमवार) से 18 दिन के मानसून सत्र के लिए पूरी तरह तैयार है. इस सत्र में कई चीजें पहली बार हो रही हैं, जिनमें दोनों सदनों की बैठक सुबह-शाम की पालियों में होना और सत्र में एक भी अवकाश नहीं होना शामिल हैं. संसद परिसर में केवल उन लोगों को प्रवेश की अनुमति होगी, जिनके पास COVID-19 संक्रमण नहीं होने की पुष्टि करने वाली रिपोर्ट होगी और लोगों का इस दौरान मास्क पहनना अनिवार्य होगा. सत्र के प्रारंभ से पहले सांसदों और संसद कर्मचारियों समेत 4,000 से अधिक लोगों की कोरोना जांच कराई गई है. इस बार ज्यादातर संसदीय कामकाज डिजिटल तरीके से होगा और पूरे परिसर को संक्रमणमुक्त बनाने के साथ ही दरवाजों को स्पर्शमुक्त बनाया जाएगा.
मानसून सत्र की 10 बड़ी बातें
रविवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद परिसर का दौरा कर स्वास्थ्य सुरक्षा उपायों तथा अन्य तैयारियों का जायजा लिया. लोकसभा स्पीकर ने एंट्री गेट से लेकर सभा कक्ष तक सभी जगहों को बारीकी से देखा और जो भी कमियां दिखाई दीं, उन्हें तत्काल दूर करने को कहा.

ओम बिरला ने सबसे पहले प्रवेश द्वार का निरीक्षण किया और वहां लगाए गए थर्मल कैमरे की कार्यप्रणाली को समझा. निरीक्षण के बाद लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि संसद का मानसून सत्र विपरीत परिस्थितियों में आयोजित किया जा रहा है. मानसून सत्र के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा के दुरुस्त इंतजाम किए गए हैं.

लोकसभा अध्यक्ष ने बताया कि सत्र से पहले सभी सांसदों व उनके परिजनों का कोरोना टेस्ट करवाया गया है. सभी सांसदों को सैनेटाइजर, मास्क, ग्लव्स सहित अन्य स्वास्थ्य सुरक्षा संबंधी सामग्री की किट भेजी गई है. संसद के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों का भी टेस्ट करवाया गया है.

मानसून सत्र के दौरान परिसर में कोविड टेस्ट की सुविधा उपलब्ध रहेगी. अगर किसी सदस्य को स्वास्थ्य संबंधी शिकायत होती है तो उनके उचित उपचार की पूरी व्यवस्था की गई है. स्पीकर ने यह भी बताया कि संसद परिसर में एक नियंत्रण कक्ष लगातार सेवारत है, जो सांसदों की कोविड-19 जरूरतों का निवारण करेगा.

मानसून सत्र के 14 सितंबर से 1 अक्टूबर तक आयोजन के दौरान तय मानक परिचालन प्रक्रियाओं के अनुसार सांसदों, दोनों सदनों के सचिवालयों के कर्मियों तथा कार्यवाही कवर करने वाले मीडियाकर्मियों को कोविड-19 की जांच कराने को कहा गया था और यह जांच सत्र शुरू होने से 72 घंटे से अधिक पहले नहीं होनी चाहिए.

मानसून सत्र में भारत-चीन सीमा पर गतिरोध, कोरोनावायरस महामारी से निपटने और आर्थिक स्थिति जैसे मुद्दे छाए रहने की संभावना है. विपक्षी पार्टियां इन सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा कराना चाहती हैं, वहीं सरकार की नजर करीब दो दर्जन विधेयकों को पारित कराने पर है.

दरअसल सरकार की नजर 23 विधेयकों पर चर्चा और इसे पारित कराने पर है. इसमें 11 ऐसे विधेयक भी हैं, जो अध्यादेशों का स्थान लेंगे. इनमें से चार विधेयकों का विपक्षी दल विरोध कर सकते हैं. ये चारों विधेयक कृषि क्षेत्र और बैंकिंग नियमन से जुड़े अध्यादेश का स्थान लेंगे.

विपक्षी दलों ने कोरोना से निपटने, अर्थव्यवस्था की स्थिति और लद्दाख में सीमा पर चीनी आक्रामकता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार को घेरने का फैसला किया है. कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने लोकसभा अध्यक्ष की अध्यक्षता में कार्यमंत्रणा समिति की पहली बैठक में इन मांगों को उठाया लेकिन इन चर्चाओं के लिए अब तक समय नहीं दिया गया है.

लोकसभा के लिए कार्यमंत्रणा समिति की बैठक एक बार फिर 15 सितंबर को होगी. इसमें पहले सप्ताह के लिए कार्य को लेकर मुद्दों पर चर्चा होगी. कांग्रेस ने राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति में भी इसी तरह की मांग की. पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और मौजूदा तथा पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि दिए जाने के साथ दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होगी. श्रद्धांजलि के बाद सदन की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित कर दी जाएगी.

इसके बाद राज्यसभा में उपसभापति पद के लिए चुनाव होगा, जबकि लोकसभा में ‘होम्यौपैथी केंद्रीय परिषद (संशोधन) विधेयक 2020′ और ‘भारतीय औषधि केंद्रीय परिषद (संशोधन) विधेयक 2020′ को रखा जाएगा. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार बीएससी द्वारा तय सभी मुद्दों पर चर्चा कराने के लिए तैयार है और सभी दलों से सहयोग करने की अपील की.

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