अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद से संबद्ध तीन बैरागी अखाड़ों और उनकी 18 अणियों ने कुंभ के गंगा स्नान के बहिष्कार की चेतवनी दी है। उन्हें अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी का समर्थन भी हासिल है। बैरागी अखाड़ा बैरागी कैंप में हुए अवैध कब्जों को हटाने और सभी बैरागी अखाड़ों को अपना भवन बनाने के लिए सरकार से लीज भूमि आवंटित करने की मांग कर रहे हैं। वहीं, महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि अगर बैरागी अखाड़ा कुंभ के शाही स्नान का बहिष्कार करते हैं, तो कोई भी अखाड़ा स्नान नहीं करेगा।
मिली जानकारी के अनुसार दरअसल, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक बैठक के दौरान घोषणा की थी कि हरिद्वार में जिन अखाड़ों के अपने भवन हैं, उन्हें इसके अनुरक्षण के लिए 1-1 करोड़ रुपये देने की घोषणा की थी। तब से बैरागी अखाड़ों की यह मांग जोर पकड़ गई है कि उन्हें भी 1-1 करोड़ रुपये दिए जाएं और भवन बनाने के लिए बैरागी कैंप से अवैध कब्जे हटाकर उन्हें लीज पर भूमि आवंटित की जाए। शनिवार को देहरादून में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से हुई बैठक में इसे लेकर कुछ असहमति का भाव उभरा है, जिसके बाद यह फैसला लिया। हालांकि, अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
वही नरेन्द्र गिरी ने कहाँ कि सरकार को इसके लिए बीच का रास्ता निकालना चाहिए था न कि जेसीबी और डंडा चलाने का नोटिस देना चाहिए था। फोन पर हुई बातचीत में नरेंद्र गिरी ने ये भी कहा कि अखाड़ा परिषद पूरी तरह से बैरागी अखाड़ों के समर्थन में हैं और इस मामले में अपना विरोध दर्ज करती है। बैरागी अखाड़े के महंत राजेंद्र दास ने कहा कि एक तरफ सरकार सहयोग की बात करती है और दूसरी तरफ नोटिस देती है। यह दो तरह की बातें नहीं चलेंगी। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने अपना रवैया नहीं बदला, तो बैरागी अखाड़ों समेत कोई भी अखाड़ा कुंभ स्नान में शामिल नहीं होगा, उसका बहिष्कार करेगा।