उत्तराखंड,मिड डे मील के लिए भेज दिया पांच साल पुराना एक्सपायरी दूध

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हरिद्वार, पीएम पोषण योजना अंतर्गत विद्यालयों में बच्चों के लिए होने वाले मीठा सुगंधित दूध आपूर्ति में भारी लापरवाही पायी गई। बच्चों के लिए एक्‍सपायरी दूध भेज दिया गया। एक्‍सपायरी भी पांच वर्ष पुराना निकला। विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों और उनके अभिभावकों द्वारा एक्सपायरी डेट पकडे़ जाने के बाद हड़कंप मच गया। गनीमत रही कि अधिकांश विद्यालयों में दीपावली अवकाश होने से बच्चे इस दूध का सेवन नहीं कर सके।

आठवीं तक के विद्यार्थियों को सप्ताह में दो दिन दूध देना अनिवार्य है। दो दिन पैकेट में बंद 10-10 ग्राम फोर्टिफाइड दुग्ध चूर्ण को गरम पानी में घोलकर बच्चों को दिया जाता है। जिले के स्कूलों में एक से आठवीं तक करीब 12000 से अधिक विद्यार्थी पढ़ते हैं जिन्हें यह फोर्टिफाइड दूध दिया जा रहा है। बीते दिनों स्कूलों में दूध की आपूर्ति हुई। जब शिक्षकों ने दूध के पैकेट देखे तो हैरान रह गए।पैकेट में उत्पादन की तिथि 24 सितंबर 2020 और इसे उपयोग करने की अंतिम तिथि 21 मार्च 2020 अंकित है। यानि तिथि पूरी तरह से गड़बड़ है। सवाल है कि उपयोग की अंतिम तिथि के बाद इस दूध का उत्पादन कैसे हो सकता है। शिक्षकों, विद्यार्थियों और अभिभावकों में यह सवाल चर्चा का विषय बना है। शिक्षकों और अभिभावकों का कहना है कि एक्सपायरी दूध भेजना विद्यार्थियों की सेहत और सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है जिसकी जांच होनी ही चाहिए। दूध उत्पादन करने वाली कंपनी से मामले में वार्ता हुई है। प्रिंटिंग की गलती बताई गई है। विद्यार्थियों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। इस पूरे मामले की जांच के लिए उच्चाधिकारियों को लिखा गया है

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