उत्तराखंड, अडानी के मामले में प्रदेश भर के अंदर कांग्रेस का प्रदर्शन

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हरिद्वार, आज कांग्रेस ने अडानी के मामले को लेकर संसद से सड़क तक जमकर विरोध प्रदर्शन किया अडानी मामले को लेकर लोकसभा में विपक्षी सांसदों द्वारा नारेबाजी के बीच लोकसभा कल 7 फरवरी सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित की गई. वहीं, राज्यसभा की कार्यवाही भी कल तक के लिए स्थगित हो गई है.

मिली जानकारी अनुसार आज गौतम अडानी के मुद्दे को लेकर संसद से सड़क तक कांग्रेसका जोरदार प्रदान हो रहा है वहीं उत्तराखंड में भी कांग्रेस का जोरदार हंगामा जारी है। कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरादत्त जोशी ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से अडानी समूह में जबरन निवेश कराया जा रहा है।

एक निजी संस्था की रिपोर्ट जारी होने के बाद अदानी ग्रुप के शेयर में आई गिरावट के चलते कांग्रेसियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर लिया। उन्होंने सोमवार को नैनीताल रोड स्थित जीवन बीमा भवन के बाहर बैठकर धरना दिया। कांग्रेस के कार्यकारी जिलाध्यक्ष राहुल छिमवाल ने कहा कि अदानी ग्रुप में भारत के सार्वजनिक उपक्रमों का भी रुपया लगाया गया है।

एसबीआई और एलआईसी ने भी हजारों करोड़ों रुपये का निवेश अदानी ग्रुप में किया है। अब एक रिपोर्ट जारी होने के बाद अदानी ग्रुप के शेयर लगातार गिर रहे हैं और निवेशकों को नुकसान हो रहा है। तो ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सामने आकर जवाब देना चाहिए। इस दौरान कांग्रेस ने अडानी का जो यार है, देश का गद्दार है, जैसे नारे लगाए।

मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहाकार नरेश चौहान ने कहा कि SBI में 45 करोड़ और LIC में 40 करोड़ लोगों का पैसा लगा है। आज यह पैसा डूबने के कगार पर पहुंच गया है और मोदी सरकार JPC या सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में जांच से बच रही है। उन्होंने कहा कि पूरी भाजपा अडानी को बचाने में लगी है।

उन्होंने कहा कि अडानी समूह में LIC ने 36,474 करोड़ और भारतीय बैंकों ने लगभग 80 हजार करोड़ का निवेश किया है। अब जांच कराने से केंद्र सरकार क्यों कतरा रही है। उन्होंने कहा कि आज ED और इनकम टैक्स कहा हैं, क्यों अडानी की जांच नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि देश ने 70 सालों में जो संपत्तियां बनाई, उन्हें एक एक कर PM मोदी अपने पूंजीपति मित्र अडानी को बेच रहे हैं।

सपा सांसद रामगोपाल यादव ने कहा, हम चाहते हैं कि अडानी के जो शेयर्स SBI और LIC ने खरीदे उसकी JPC के जरिए जांच हो. ये पैसा क्यों दिया गया, किन शर्तों पर दिया गया इसकी जांच होना जरूरी है. इन पर दबाव किसका था? जब तक JPC के जरिए जांच नहीं होगी तब तक इसका पता नहीं चलेगा इसलिए जांच होनी चाहिए.

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