हरिद्वार, उत्तराखंड में फर्जीवाड़ा लगातार जारी है इस मामले को देखते हुए कई बार सरकार ने दोषियों को जेल भी भेजा है लेकिन उसके बाद भी फर्जीवाड़ा करने में आरोपियों के हौसले बुलंद है कुछ दिन पहले उत्तराखंड के रजिस्टार ऑफिस में फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ था जिसमें देहरादून के नामी वकील का नाम सुर्खियों में आया था ईडी ने एसआईटी से इस मामले में दर्ज सभी सात मुकदमों का विवरण मांगा है। बताया जा रहा है कि यह मामला 100 करोड़ रुपये से भी ऊपर का हो सकता है, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग की भी आशंका है। जल्द ही ईडी इस प्रकरण में एक अलग मुकदमा दर्ज कर सकती है। एसआईटी अपनी जांच कर रही है और अब तक तकरीबन 10 आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है और कई अधिकारी कर्मचारी सस्पेंड हो चुके हैं
मिली जानकारी अनुसार 15 जुलाई को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिकायत मिलने पर देहरादून के रजिस्ट्रार कार्यालय में औचक निरीक्षण कर छापेमारी की थी सीएम ने निरीक्षण के दौरान दस्तावेजों की जानकारी हासिल की तो कई गड़बड़िया सामने ही निकाल कर आई मुख्यमंत्री ने गंभीरता को देखते हुए इस मामले की जांच के आदेश दिए सीएम के आदेश के बाद एसआईटी का गठन किया जिसके बाद मामले की लगातार जांच चल रही है आपको बता दें कि जमीनों से फर्जीबाड़े के मामले कई बार डीएम कार्यालय में आए थे जिनकी शिकायत अलग-अलग लोगों ने की थी, डीएम के आदेश के बाद इस मामले की एडीएम ने जांच की तो गड़बड़ी पाई गई इन शिकायतों के आधार पर ही मुख्यमंत्री ने देहरादून के रजिस्ट्रार कार्यालय का औचक निरीक्षण किया, मुख्यमंत्री के निरीक्षण के दौरान भी भी कई तरह की खामियां जमीनों के दस्तावेजों में पाई गई।
इस मामले में शुरुआत में ही पुलिस की ओर से ईडी को पत्र लिखा गया था। इसके क्रम में ईडी ने भी अब जांच शुरू कर दी है। शुरुआती जांच के लिए ईडी की ओर से पुलिस को एक पत्र लिखा गया है। इसमें अब तक दर्ज हुए सातों मुकदमों का ब्योरा मांगा गया है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक ईडी इसमें मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई करेगी। एसआईटी अब तक की कार्रवाई और गिरफ्तारी का ब्योरा ईडी को भेजने जा रही है।