हरिद्वार, पहाड़ों में हो रही भारी बारिश चलते मैदान से लेकर पहाड़ो तक चारों तरफ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है कुछ दिन पहले भी यही हाल था कि भारी बारिश चलते नदी और नाले उफान पर थेवहीं, बारिश और भूस्खलन से प्रदेश में मलबा आने से 50 से ज्यादा संपर्क मार्ग बंद हैं। नदियों के जलस्तर में भी वृद्धि हुई है। वहीं, कंकराड़ी क्षेत्र में एनडीआरएफ ने मोर्चा संभाला है। कंकराड़ी क्षेत्र में दो मकान ध्वस्त होने और एक व्यक्ति के लापता चलने की सूचना है। एनडीआरएफ की टीम रविवार की रात करीब एक बजे कंकराड़ी क्षेत्र में पहुंच गई थी, लेकिन रात में तेज बारिश के बीच पहाड़ी ग्रामीण क्षेत्र में खोज-बचाव कार्य करने में खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) ने कहा कि उत्तराखंड के कई हिस्सों में भारी बारिश के बीच मांडो गांव के कुछ इलाकों में बादल फटने के बाद कई घर पानी में डूब गए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना में लोगों की मौत पर दुख जताया और उत्तरकाशी के जिलाधिकारी को प्रभावित क्षेत्रों में प्राथमिकता के आधार पर राहत एवं बचाव अभियान चलाने को कहा. इस बीच, रविवार शाम देहरादून जिले के विकासनगर क्षेत्र में चिब्रो जलविद्युत परियोजना की एक सुरंग में फंसे दो मजदूर अभी भी वहीं फंसे हुए हैं. कलसी थाना प्रभारी ऋतुराज सिंह ने बताया कि उन्हें बचाने का प्रयास किया जा रहा है।
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार अगले 24 घंटे भारी गुजर सकते हैं। इस दौरान देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी और नैनीताल में भारी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने इन जिलों के लिए आरेंज अलर्ट जारी किया है। हालात के मद्देनजर शासन ने सभी जिलाधिकारियोंको सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।उत्तरकाशी में रविवा रात को निरकोट और कंकराणी क्षेत्र में बादल फटा। निराकोट क्षेत्र से जलजला मांडो गांव पहुंचा, जहां तीन लोग जिंदा दफन हो गए। एसडीआरएफ और पुलिस की खोज बचाव टीम ने सोमवार तड़के तीन बजे के करीब उनके शव बरामद किए। इनमें माधुरी पत्नी देवानन्द, उम्र 42 वर्ष, रीतू पत्नी दीपक, उम्र 38 वर्ष, ईशू पुत्री दीपक, उम्र तीन वर्ष शामिल है। इस दौरान प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों विशेषकर देहरादून और हरिद्वार में मेघ जमकर बरसे। बीते 24 घंटे में देहरादून में 132 मिमी बारिश रिकार्ड की गई। बारिश से शहर और कस्बों में जगह-जगह जलभराव हो गया है। कई इलाकों में पानी घरों में भी घुस गया। देहरादून में भूस्खलन से कुछ भवन आंशिक तौर पर क्षतिग्रस्त भी हुए हैं। इसके अलावा हरिद्वार के लक्सर क्षेत्र में बरसाती नदियों का जलस्तर बढऩे से ग्रामीण दहशत में हैं।