हरिद्वार, उत्तराखंड पुलिस अक्सर मित्र पुलिस के रूप में जानी गई है वही एक बार फिर उत्तराखंड पुलिस ने अपने ऊपर एक जिम्मेदारी ली है जो गुमशुदा लोगों को ढूंढ कर उनके परिजनों से मिलाएगी जिसे पुलिस ने इसका नाम ऑपरेशन स्माइल रखा है जीपी अभिनव कुमार ने इस ऑपरेशन के लिए सभी को निर्देश दे दिए हैं इस ऑपरेशन शुरुआत 2015 में की गई थी इस अभियान को अब तक 13 बार चलाया गया
पुलिस मुख्यालय स्तर पर ऑपरेशन स्माइल की नोडल अफसर एसपी क्राइम विशाखा अशोक भदाणे को बनाया गया है। अभियान के लिए देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और ऊधमसिंहनगर में पांच-पांच टीमें बनाई गई हैं। इनमें एक दरोगा और चार कांस्टेबल शामिल रहेंगे। इसके अलावा बाकी सभी जनपदों में एक-एक टीम का गठन किया गया है। बरामद बच्चों और महिलाओं से जानकारी करने के लिए एक-एक महिला पुलिसकर्मी को टीमों में अनिवार्य रूप से तैनात किया गया है। टीम की सहायता के लिए एक-एक विधिक और तकनीकी टीम का गठन भी प्रत्येक जिले में किया गया है।
वर्ष 2017 से गुमशुदा लोगों को बरामद करने के लिए सभी प्रयास किए जाएं।
- गुमशुदा लोगों का मिलान प्रदेश और सीमावर्ती राज्यों में बरामद लावारिस शवों से अनिवार्य रूप से किया जाए।
- ऑपरेशन स्माइल में नियुक्त टीम अपने जिलों के अलावा अन्य जिलों के गुमशुदा लोगों की तलाश में भी मदद करेंगी।
- गुमशुदाओं के बरामद होने के बाद उनकी सुपुर्दगी व पुनर्वास के संबंध में नियमानुसार कार्रवाई की जाए।
- बरामद लोगों के संबंध में किसी अपराध की जानकारी मिले तो नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की जाए।