कोरोना के नए वेरिएंट मिलने से हड़कंप

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हरिद्वार,देश के कई राज्यों में कोरोना जेएन वन (JN1) वेरिएंट के मामले बढ़ने के बाद केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को सर्विलांस बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। केंद्र सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के बाद धामी सरकार भी अलर्ट मोड पर आ गई है। प्रदेशभर के सभी अस्पतालों को संक्रमितों की जांच करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। इसी के साथ ही प्रदेशभर में सर्विलांस बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।दरअसल, एशिया के कई देशों के साथ ही भारत के कई राज्यों में भी कोविड के मामले बढ़ रहे हैं।

मुंबई में हाल ही में दो लोगों की कोविड से मौत भी हुई है। ऐसे में केंद्र सरकार की ओर से सभी राज्यों को कोरोना संक्रमण को देखते हुए सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। सचिव स्वास्थ्य डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से कोविड सर्विलांस बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।इसके तहत राज्य में आईडीएसपी की टीम को सभी जिलों में सर्विलांस बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। खासकर किसी एक स्थान पर अधिक संख्या में लोगों के संक्रमित होने के लिए निगरानी बढ़ाने को कहा गया है। इसके साथ ही राज्य के सभी अस्पतालों को लक्षण के आधार पर मरीजों की स्क्रीनिंग और जांच कराने के भी निर्देश दिए गए हैं।उन्होंने कहा कि राज्य में इस समय अभी तक कोविड का कोई भी केस सामने नहीं आया है। सूत्रों की बात मानें तो प्रदेश के सभी 13 जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारियों को सतर्कता बरतने को कहा गया है। किसी भी संदिग्ध मरीज मिलने पर सूचित करने को भी कहा गया है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कोविड-19 के नवीनतम उपवेरिएंट JN.1 से संबंधित वैश्विक और राष्ट्रीय स्थिति को देखते हुए प्रदेश में कोविड-19 की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश में कोविड संक्रमण को लेकर चिंता जैसी कोई बात नहीं है, लेकिन वैश्विक परिस्थितियों को देखते हुए सावधानी और सतर्कता अत्यंत आवश्यक है।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि भारत सरकार द्वारा कोविड-19 को लेकर कोई नई एडवाइजरी जारी नहीं की गई है। फिर भी थाईलैंड, सिंगापुर और हांगकांग जैसे देशों में JN.1 उपवेरिएंट के चलते संक्रमितों की संख्या में हुई वृद्धि को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश में भी सतत निगरानी आवश्यक है। उन्होंने निर्देश दिया कि राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल और स्वास्थ्य इकाइयां अलर्ट मोड में रहें और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहें।

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