उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री बने पुष्कर सिंह धामी, सतपाल महाराज समेत 11 विधायकों ने मंत्रीपद की शपथ ली

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हरिद्वार,खटीमा विधायक पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री बन गए हैं। उन्होंने रविवार को मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ 11 वें मुख्यमंत्री के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने उन्हें शपथ दिलाई। इस दौरान मंत्रिमंडल के सदस्यों ने भी शपथ ग्रहण की। बता दें, इससे पहले शनिवार को भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद धामी ने पार्टी नेताओं के साथ राजभवन जाकर राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मुलाकात की धामी के साथ 11 मंत्रियों ने भी शपथ ग्रहण किया। इनमें सतपाल महाराज, डॉ हरक सिंह रावत, यशपाल आर्य, डॉ धन सिंह रावत, बिशन सिंह चुफल, गणेश जोशी, अरविंद पांडे, सुबोध उनियाल, रेखा आर्या, यतेश्‍वरानंद और बंशीधर भगत का नाम शामिल है। ये सारे मंत्री तीरथ सिंह रावत सरकार में भी शामिल थे। खास बात यह रही कि इस बार कोई राज्‍य मंत्री नहीं बना। सभी को कैबिनेट मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है और उन्हें सरकार बनाने संबंधी प्रस्ताव सौंपा।
वही पुष्कर सिंह धामी ने कहा क‍ि मैं संकल्प लेता हूं कि उत्तराखंड के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक हमारी सरकार और सेवाएं पहुंचेंगी। जहां दुनिया के दूसरे देश अपनी प्रयोगशालाओं में COVID19 का निर्माण कर रहे हैं और वहीं हम विश्व बंधुत्व की भावना से दुनिया के दूसरे देशों को भी वैक्सीन दे रहे हैं। उन्‍होंने कहा क‍ि मेरा ये लक्ष्य होगा कि हमारे जो हज़ारों-लाखों भाई बेरोजगार हैं, उनको रोजगार से जोड़ने का काम हो।

पुष्कर सिंह धामी का जन्म पिथौरागढ़ के टुंडी गांव में 16 सितम्बर 1975 को हुआ।
लखनऊ विश्वविद्यालय से उन्होंने व्यावसायिक शिक्षा में पोस्टग्रेजुएशन किया है।
90 के दशक में ABVP में कई पदों पर रहे। दो बार भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे।

पुष्कर सिंह धामी 2012 में पहली बार खटीमा सीट से विधायक बने। उन्होंने तब कांग्रेस के देवेंद्र चंद को करीब 5 हजार वोटों से अंतर से हराया था। 2017 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में धामी ने खटीमा से लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की। इस बार उन्होंने कांग्रेस के भुवन चंद्र कापड़ी को 3 हजार से कम अंतर से हराया। अब वह उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से नजदीकी धामी के मुख्यमंत्री बनने में काफी काम आई। 90 के दशक में उन्होंने लखनऊ में एबीवीपी के राष्ट्रीय सम्मेलन के संयोजन की जिम्मेदारी निभाई थी और इससे राजनाथ सिंह उनसे बहुत प्रभावित हुए थे। तब से लगातार धामी राजनाथ के संपर्क में बने रहे। धामी महाराष्ट्र के राज्यपाल और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी के भी करीबी हैं। माना जाता है कि कोश्यारी उन्हें उंगली पकड़कर राजनीति में लाए थे।

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