उत्तराखंड, कैबिनेट में फैसला छोटे अपराध में सजा नहीं जुर्माना होगा

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हरिद्वार ,केंद्र सरकार के दिशा निर्देशों के क्रम में प्रदेश सरकार ने भी विभागों के अंतर्गत छोटे अपराध को अपराध की श्रेणी से बाहर करने के साथ ही जेल की सजा हटाने को लेकर कसरत तेज कर दी है। इसी क्रम में कैबिनेट ने उत्तराखंड जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) अध्यादेश 2025 को हरी झंडी दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें कुल 19 प्रस्ताव आए। बिजली लाइन का मुआवजा बढ़ाया गया। केंद्र के नए निर्देश को अडॉप्ट किया गया। टावर और उसके एक मीटर परिधि के एरिया का 200% सर्किल रेट का कर दिया है। सर्किल रेट और मार्किट रेट में अंतर पर एक समिति बनाई जाएगी, जो प्रभावित भूमि मालिकों के लिए काम करेगी।

प्रथम चरण में विभिन्न विभागों के सात कानूनों में ढील दी गई है। इनमें से कुछ में जेल की सजा को हटाया गया है तो कुछ में अवधि कम की गई है। अलबत्ता, जुर्माने की राशि में भारी-भरकम बढ़ोतरी का प्रविधान किया गया है। जुर्माने की राशि में हर तीन वर्ष में तीन प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी। राज्य में अभी तक ऐसे 52 अधिनियम चिह्नित किए गए हैं, जिनमें इस तरह के कदम उठाए जाने हैं।प्रदेश में विभिन्न अधिनियमों के तहत छोटे अपराधों को अपराध मुक्त करने के दृष्टिगत आपराधिक प्रतिबंधों, विशेषकर कारावास को मौद्रिक जुर्माने और प्रशासनिक उपायों से प्रतिस्थापित करने के उद्देश्य से सरकार उत्तराखंड जन विश्वास अधिनियम लेकर आई है। यह सुधार केंद्र सरकार की नीतियों और राष्ट्रीय स्तर पर अपनाए गए जनविश्वास के ढांचे के अनुरूप है। इसका लक्ष्य व्यापार सुगमता को बढ़ाना, न्यायिक बोझ को कम करना, निवेश को प्रोत्साहित करना और अनुपालन तंत्र का युक्तिकरण करना है।अधिनियम के तहत ऐसे विनियामक और प्रक्रियात्मक उल्लंघन के लिए आपराधिक दंड से प्रशासनिक दंड की ओर बदलाव किया जाएगा, जिससे कोई हानि या दुर्भावनापूर्ण इरादा न हो। साथ ही न्यूनतम सरकार अधिकतम शासन के दृष्टिकोण और नागरिक केंद्रित कानूनों का समर्थन किया जाएगा। इस पहल से उद्यमिता, नवाचार और निवेश के अनुरूप विनियामक वातावरण तैयार होगा।

सात एक्ट के बजाय जन विश्वास एक्ट लाया जाएगा। 52 एक्ट चिन्हित किए गए हैं। छोटे अपराधों में सजा को लेकर बदलाव किए गए हैं। छोटे अपराध में जेल नहीं बल्कि जुर्माना होगा। जैसे किसी जैविक कृषि में अधिसूचित क्षेत्र में कोई पेस्टिसाइड का इस्तेमाल करेगा तो वहां एक लाख जुर्माना और एक साल जेल सजा थी, सजा हटाकर जुर्माना पांच लाख कर दिया गया।आवास विभाग के चार प्रस्ताव कैबिनेट में आए1- ग्रीन बिल्डिंग निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए अतिरिक्त एफएआर जैसे प्लेटिनम ग्रेड को 5%, गोल्ड को 3%, सिल्वर को 2% एक्स्ट्रा मिलेगा।2- कॉमर्शियल एरिया में ग्राउंड कवरेज का प्रतिबंध से राहत। सभी के लिए सैट बैक वाला रेगुलेशन लागू होगा। इको रिजॉर्ट के साथ अब नार्मल रिजॉर्ट बना सकेंगे। भू उपयोग परिवर्तन की जरूरत नहीं होगी। नक्शा पास करने की बाध्यता में लैंड यूज की शर्त नहीं। सड़क चौड़ाई पहाड़ में 6 मीटर, मैदान में 9 मीटर होगी।

बहु मंजिला भवन में सड़क लेवल की पार्किंग की हाइट इमारत की ऊंचाई में शामिल न होगी। मोटल श्रेणी को हटा दिया गया है। 4- लैंड पुलिंग स्कीम, टाउन प्लानिंग स्कीम मंजूर। अन्य राज्यों में है योजनाएं लागू हैं। अनिवार्य नहीं है। जहां हम टाउनशिप बनाएंगे, उसके बदले जमीन मिलेगी वो भी कॉमर्शियल। अमरावती में भी ये मॉडल सफल रहे हैं। पहले केवल पालिसी थी, अब स्कीम के रूप में लाया गया है।वित्त-उत्तराखंड माल एवं सेवा कर संशोधन अध्यादेश को मंजूरी।तकनीकी शिक्षा-.तकनीकी विवि में फैकल्टी की भर्ती लोक सेवा आयोग नहीं विवि स्तर से ही होगीलोनिवि-.कनिष्ठ अभियंता के 5% पद समूह-ग के कर्मचारियों से पदोन्नति से होती थी, लोग नहीं मिल पाते थे। अब 10 साल की सेवा पूरी करने पर सीधे जेई बनेंगेनागरिक उड्डयन-.नैनी सैणी एयरपोर्ट…को एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया संचालित करेगा।सितारगंज के कल्याणपुर में जिन्हें पट्टे पर जमीन दी हुई थी, उनके नियमितीकरण को लेकर सर्किल रेट 2004 के लिए जाएंगे।

डेरी विकास, व सहकारिता विभागमुख्यमंत्री घसियारी कल्याण और साइलेज योजना…75% देते थे, तय हुआ कि सब्सिडी 75 के बजाय 60% मिलेगी। लोनिवि- देहरादून में रिस्पना बिंदाल एलिवेटेड के लिए जीएसटी में छूट मिलेगी। रॉयल्टी और जीएसटी विभाग जमा करेगा, जिसका रिम्बर्स किया जाएगा।सगंध पौधा के केंद्र का नाम इंस्टीट्यूट ऑफ परफ्यूम होगा। जो वाहन 15 साल से पुराने हैं, उन्हें स्क्रैप करने और नया वाहन खरीदने पर टैक्स में छूट मंजूर।मुख्यमंत्री युवा भविष्य निर्माण योजना मंजूर… यूपीएससी, नेट, गेट आदि की तैयारी के लिए ऑनलाइन कोचिंग। लाइव क्लासेज, डाउट क्लियर करने की सुविधा होगी।-भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत अभियोजन निदेशालय देहरादून में मुख्यालय होगा। उसमें एक निदेशक होंगे। 15 वर्ष तक अधिवक्ता को बना सकेंगे। जिले में भी जिला स्तर का अभियोजन निदेशालय बनाया जाएगा। 7 वर्ष से कम कारावास की धाराओं में अपील का फैसला जिला स्तर, इससे ऊपर पर राज्य स्तर पर निर्णय होगा।

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