उत्तराखंड, जोशीमठ के लिए मुआवजे का ऐलान

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हरिद्वार, जोशीमठ मे घरों मे आ रही दरारों और पानी को देखते हुए सरकार चिंतित है जिसके लिए आज धामी सरकार ने क्षेत्रवासियों के लिए मुआवजे का ऐलान किया है जिसमें उत्तराखंड सरकार अपना फर्ज निभा रही है। राज्य सरकार भूधंसाव से प्रभावित लोगों के दर्द पर हर तरह से मरहम लगाने की कोशिश कर रही है। सरकार ने प्रभावित लोगों के लिए दूसरी जगह रहने के बंदोबस्त के साथ अब मुआवजे का भी ऐलान किया है। उत्तराखंड सरकार ने बुधवार को प्रभावित परिवारों को 1.5 लाख रुपये की अंतरिम राहत देने की घोषणा की।

मिली जानकारी अनुसार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने बुधवार को बताया कि उत्तराखंड सरकार ने बुधवार को प्रभावित परिवारों को 1.5 लाख रुपये की अंतरिम राहत देने की घोषणा की, जिन्हें जोशीमठ में भूमि धंसने के बाद सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है। एएनआई के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘प्रत्येक परिवार को 1.50 लाख रुपये की तत्काल अंतरिम सहायता दी जाएगी।’ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की सचिव ने कहा कि असुरक्षित दो इमारतों को गिराने की जरूरत है और हम लोगों से समर्थन करने की अपील करते हैं।

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, चमोली ने कहा कि जोशीमठ में कुल 723 इमारतों में दरारें आईं जबकि 86 इमारतों को असुरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया है. 499 परिवारों का पुनर्वास किया है.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रभावित क्षेत्र में जिन मकानों में दरारें आयी हैं, उन मकानों को ध्वस्त करने की अफवाह फैलाई जा रही है। उन्होंने सभी से अपील की है कि इन अफवाहों पर ध्यान न दें। प्रभावित क्षेत्र में दरार वाले मकानों को ध्वस्त करने की कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि प्रभावित क्षेत्र में दरार वाले मकानों को तब तक ध्वस्त न कराया जाय, जब तक अपरिहार्य न हो। मुख्यमंत्री जोशीमठ प्रभावित क्षेत्र की सभी व्यवस्थाओं की अधिकारियों से नियमित रिपोर्ट ले रहे हैं। उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि जोशीमठ क्षेत्र में प्रभावित परिवारों से बातचीत कर उनकी हर समस्याओं का शीघ्रता से निदान किया जाय। सुरक्षा की दृष्टि से जिन परिवारों को अन्यत्र स्थानों पर शिफ्ट कराया जा रहा है उनको वहां सभी बेहतर आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाय। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि प्रभावितों के विस्थापन के लिए उनके सुझावों के आधार पर इतनी बेहतर व्यवस्था की जाय कि यह पूरे देश के लिए नजीर बने। उन्होंने कहा कि प्रभावितों के इस दुःख-दर्द में सरकार द्वारा उनको हर सम्भव सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी।

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