हरिद्वार,जोशीमठ में भू-धंसाव की चपेट में ज्योतिर्मठ परिसर के बाद अब शंकराचार्य माधव आश्रम मंदिर के शिवलिंग में दरारें आ गई हैं। परिसर के भवनों, लक्ष्मी नारायण मंदिर के आसपास बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं।
मिली जानकारी अनुसार जोशीमठ हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार बेहद महत्वपूर्ण स्थान है, क्योंकि यही वो जगह है, जहां पर आदिगुरु शंकराचार्य ने तपस्या कर दिव्य ज्योति प्राप्त की थी. यहां 1200 साल पुराना नृसिंह देव का मंदिर भी स्थित है, आदिगुरु शंकराचार्य ने ही नृसिंह देव की मूर्ति को स्थापित किया था.
आदिगुरु शंकराचार्य का लगभग ढाई हजार वर्ष पुराना मंदिर भूस्खलन की जद में आ गया है. भूस्खलन होने की वजह से मंदिर के आसपास के इलाकों में भी दरारें पड़ गई है. दरार पड़ने कि वजह से लोग सहमे हुए हैं,
जोशीमठवासियों को रात में घरों के फर्श के नीचे पानी बहने की आवाजें आ रही हैं। वे बुरी तरह डरे हुए हैं। टीम के सदस्य दिनभर शहर में हो रहे सुराखों की पड़ताल करते रहे, लेकिन उन्हें कोई सुराग नहीं मिला कि आखिर जमीन के नीचे ये पानी आ कहां से आ रहा है।