हरिद्वार, उत्तरकाशी के सिल्क्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों का आज 15 बा दिन है जिसको लेकर लगातार सरकार से लेकर प्रशासन तक हर कोई प्रयास कर रहा है वही काफी प्रयासों के बाद भी सभी के हाथ खाली नजर आ रहे हैं सभी की विफलता के बाद अब भारतीय सेना ने टनल में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए हाथ बढ़ाया है
मिली जानकारी अनुसार सिलक्यारा सुरंग के अंदर मैनुअल ड्रिलिंग के काम में भारतीय सेना की इंजीनियरिंग कोर मदद करेगी। आज सेना की इंजीनियरिंग रेजीमेंट मद्रास इंजीनियर ग्रुप (एमईजी) की एक टुकड़ी सिलक्यारा पहुंच गई है। जो कि यहां मैनुअल ड्रिलिंग का जिम्मा संभालेगी।
सिल्कयारा सुरंग में मैनुअल ड्रिलिंग के लिए भारतीय सेना के कोर ऑफ इंजीनियर्स के एक इंजीनियर समूह (मद्रास सैपर्स) की एक इकाई को बुलाया गया है। बचाव कार्य में तेजी लाने के लिए इंजीनियर रेजिमेंट के 30 जवान मौके पर पहुंच गए हैं। मैनुअल ड्रिलिंग के लिए भारतीय सेना नागरिकों के साथ मिलकर सुरंग के अंदर रैट बोरिंग करेगी। एक अधिकारी ने बताया मैन्युअल ड्रिलिंग करने के लिए भारतीय सेना नागरिकों के साथ मिलकर हथौड़े और छेनी जैसे हथियारों से सुरंग के अंदर के मलबे को खोदेगी और फिर पाइप को पाइप के अंदर बने प्लेटफॉर्म से आगे बढ़ाया जाएगा। सुरंग के अंदर 41 लोग सुरक्षित और स्थिर हैं। प्लाज्मा कटर पहुंचा और पाइप लाइन में फंसी मशीन को काटना शुरू किया
केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह (सेवानिवृत्त) सिल्कयारा सुरंग स्थल पर पहुंचे, जहां फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान चल रहा है। अब तक 15 मीटर वर्टिकल ड्रिलिंग का काम पूरा हो चुका है।
सिलक्यारा सुरंग के अंदर मलबे में फंसी ऑगर मशीन के हिस्सों को काटने और निकालने के लिए रविवार को हैदराबाद से एक प्लाज्मा कटर भेजा गया.
अधिकारियों के लिए बचाव कार्य फिर से शुरू करने के लिए मशीन को पूरी तरह से हटाना आवश्यक है, जिसमें श्रमिकों को निकालने का रास्ता तैयार करने के लिए मलबे के माध्यम से पाइप को हाथ से धकेलना शामिल है. लंबवत ड्रिल के लिए ड्रिल मशीन का एक हिस्सा भी सुरंग के ऊपर पहाड़ी पर भेजा गया है.
उत्तरकाशी टनल हादसे के रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर नोडल अधिकारी नीरज खैरवाल ने कहा कि ऑगर ड्रिल मशीन के ब्लेड्स अब 8.15 मीटर तक रह गया है, ब्लेड कटिंग का काम तेजी से चल रहा है. वहीं NHIDCL के एमडी महमूद हसन ने कहा कि वर्टिकल ड्रिलिंग का काम भी तेजी से चल रहा है और SJVNL का काम तेजी से चल रहा है. 1.2 मीटर व्यास की वर्टिकल ड्रिलिंग भी लगातार चल रही है और अब तक 19.2 मीटर तक की वर्टिकल ड्रिल किया गया है. आज रात तक 45 मीटर तक की ड्रिलिंग होने की संभावना है और इसके बाद वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए दूसरी मशीन लगाई जाएगी.
टनल में फंसे लोगों की अलग-अलग राज्यों में रह रहे परिवारजनों से बात करवाई गई है. सबा अहमद के परिवार वालों ने बताया कि उनकी भी बात हुई है. इसका मतलब जो दूरसंचार की लाइन अंदर भेजे जाने की खबर थी अब वह लाइन अंदर पहुंच गई है इसी वजह से यह बातचीत मुमकिन हो पाई है. सबा अहमद और गब्बर सिंह ने अंदर फंसे लोगों की हिम्मत बढ़ाने का काम अब तक किया है. ये दोनों बाकी सभी लोगों को अंदर एक्सरसाइज और मनोबल बढ़ाने का काम करते है. सभी को संगठित रखने का काम भी इन्हीं दोनों का है. उत्तराखंड के कोटद्वार के रहने वाले गब्बर सिंह नेगी नाइट शिफ्ट के सुपरवाइजर भी हैं. ये हादसा नाइट शिफ्ट में काम कर रहे लोगों के साथ ही हुआ है. जब वो सुबह काम खत्म कर बाहर आ रहे थे, तभी यह हादसा हुआ.