हरिद्वार, अभी तक आपने सुना होगा कि उत्तराखंड में रहने वाले किराएदारों का सत्यापन पुलिस द्वारा होता है यदि कोई मकान मालिक किसी को किराए पर रखता है तो उसके सत्यापन करना अनिवार्य है वहीं अब साधुओं को यदि धाम में तपस्या करनी है तो पुलिस उनका सत्यापन करेंगी बिना सत्यापन के धाम में कोई साधु तपस्या नहीं कर पाएगा
मिली जानकारी अनुसार प्रशासन ने सुरक्षा के लिहाज से इस साल से यह नियम लागू किया है। अभी तक प्रशासन के पास 14 साधुओं ने तपस्या के लिए अनुमति मांगी है।
बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद हर साल यहां साधु तपस्या के लिए पहुंचते हैं। पिछले साल तक साधुओं को प्रशासन से सीधे अनुमति मिल जाती थी लेकिन इस साल पहले साधुओं का पुलिस की ओर से सत्यापन होगा, उसके बाद ही प्रशासन से धाम में रहने की अनुमति मिलेगी।पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार ने बताया कि शीतकाल में बदरीनाथ धाम में रहने वाले लोगों और साधु संतों को सत्यापन के बाद ही अनुमति दी जाएगी। अभी तक 14 साधुओं ने अनुमति मांगी है। उनके सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है।