हरिद्वार,विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले उत्तराखंड में सुगंध से समृद्धि की ओर तेजी से कदम बढ़ेंगे। कैबिनेट ने इसके लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए उत्तराखंड महक क्रांति नीति पर मुहर लगाई है।इसके तहत 10 साल में 22750 हेक्टेयर क्षेत्र में सगंध फसलों को बढ़ावा देते हुए इससे 91,000 किसानों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। किसानों को नर्सरी, कृषिकरण व प्रसंस्करण यूनिट पर कुल लागत का 50 से 80 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा।
उत्तराखंड राज्य में लंबे समय से महक क्रांति नीति तैयार करने की चर्चा चल रही थी. जिसकी मुख्य वजह यही है कि सौगंध पौधा केंद्र की ओर से लगातार रिसर्च किया जा रहा है. साथ ही हाल ही में सौगंध पौधा केंद्र की ओर से तिमरु से परफ्यूम भी तैयार किया गया जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को काफी अधिक पसंद आया था. ऐसे में उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश में सगंध फसलों के उत्पादन को बढ़ाने और इसके इस्तेमाल को बढ़ाए जाने पर जोर देना चाहती है. इसके लिए राज्य सरकार ने तमाम पहलुओं को शामिल करते हुए महक क्रांति नीति तैयार करने का निर्णय लिया है. प्रदेश में सगन्ध खेती को स्थापित किया जा सके.महक क्रांति नीति के पहले चरण में अगले 10 साल यानी 2026 से 2036 तक के सशक्त उत्तराखंड के संकल्प को पूरा करने के लिए तैयार किया जाएगा. यही नहीं उत्तराखंड राज्य में सगन्ध खेती को बढ़ावा देने के लिए अच्छी खासी सब्सिडी का भी प्रावधान किया जाएगा. राज्य में सगंध फसलों के पारिस्थितिकी तंत्र की स्थापना करना, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सगन्ध उत्पादों के लिए उत्तराखण्ड ब्रांड को स्थापित करना है.
उत्तराखंड कारागार के ढांचे का पुनर्गठन मंजूर। कई नए पदों को इसमें शामिल किया गया। 27 पद स्थायी, बाकी आउटसोर्सिंग के माध्यम से होंगे। 1872 ईडब्ल्यूएस भवनों के निर्माण में अतिरिक्त 27 करोड़ राज्य सरकार देगी। रुद्रपुर में बन रहे हैं पीएम आवास के भवन।
दूरदर्शन के माध्यम से हो रहे प्रसारण के लिए आठ नए पदों को स्वीकृति दी गई। यह शिक्षा विभाग के अंतर्गत है। एससीईआरटी टीवी चैनल के माध्यम से प्रसारण कराता है। उन छात्रों के लिए लाभदायक है, जो किसी कारण क्लास में नहीं जा सकते।उत्तराखंड राजकीय प्रारंभिक शिक्षा सेवा नियमावली के तहत विशेष शिक्षा के पदों पर सितंबर 17 से मार्च 2019 तक के दूरस्थ शिक्षा से डीएलएड पास युवाओं को भी आउटसोर्सिंग से मौका मिलेगा।इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के टीईटी अनिवार्य का फैसले के खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करेगी। दिव्यांग से विवाह करने वालों को 25,000 के बजाय 50,000 रुपये अनुदान मिलेगा।