उत्तराखंड, सीएम धामी के चार साल बेमिशाल, गंगा पूजा कर लिया मां गंगा का आशीर्वाद

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हरिद्वार, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने 4 साल पूरे कर लिए राजनीति में अभी तक सबसे लंबे समय बिताने वाले मुख्यमंत्री रहे नारायण दत्त तिवारी जो अपनी सरकार में रह कर कुर्सी पर 5 साल पूरे किए अभी तक किसी भी मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड सरकार मे 5 साल तक कुर्सी नहीं संभाली 25 वर्ष के राज्य में अभी तक 12 मुख्यमंत्री हुए हैं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कार्यकाल के चार वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को हरकी पैड़ी पर गंगा पूजन किया और ऋषिकुल मैदान में आयोजित ऐतिहासिक विकास संकल्प पर्व जनसभा को संबोधित किया। इस अवसर पर सीएम धामी ने जनपद हरिद्वार की 550 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 107 योजनाओं का लोकार्पण, शिलान्यास और 13 नई घोषणाएं भी की।जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भ्रष्टाचारी या तो सुधर जाएं, अन्यथा जेल जाने को तैयार रहें। हमने न केवल छोटी मछलियों, बल्कि भ्रष्टाचार के मगरमच्छों को भी पकड़ा है। राज्य में भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टालरेंस नीति अपनाई गई है। पहले केवल छोटे कर्मचारियों पर ही कार्रवाई होती थी, किंतु अब बड़ी मछलियां भी कानून के शिकंजे में हैं।बीते साढ़े तीन वर्षों में 200 से अधिक भ्रष्ट अधिकारियों एवं कर्मियों को जेल भेजा गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को कुल 75.81 लाख रुपये के चेक वितरित किए। इनमें स्वयं सहायता समूहों, कृषकों, पशुपालकों, बाल विकास विभाग एवं मत्स्य पालन विभाग से जुड़े लाभार्थियों को शामिल किया गया। साथ ही पीएम आवास योजना के अंतर्गत लाभार्थी मीना को आवास की चाबी सौंपी गई।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर की गई घोषणाएंलालढांग में सिंचाई के झील का निर्माणलालढांग पीएचसी को सीएचसी में उन्नयनभगवानपुर से इकबालपुर एवं सिकरौदा तक सड़क निर्माणनिरंजनपुर में डिग्री कॉलेज की स्थापनामुबारकपुर-अलीपुर हाईस्कूल का उच्चीकरणमोहम्मदपुर जटगांव में सीसी सड़क निर्माणरुड़की नगर निगम वार्ड 22-23 में जल निकासी और सड़क कार्यखानपुर में सौलानी नदी पर पुलगिद्धावाली में गंगा नदी पर घाट पुल निर्माणनागड़ पलोनी से भगवानपुर तक मोटर मार्गमेवड़ नागड़ व मोहम्मदपुर पांडा में श्मशान एवं बाउंड्रीवाल निर्माण

धामी ने अपने नेताओं को पीछे छोड़ दिया है। सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत भी बतौर मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी का रिकॉर्ड नहीं तोड़ पाए। भुवन चंद खंडूड़ी भी उस मुकाम पर नहीं पहुंचे। रमेश पोखरियाल निशंक भी उस पहाड़ी पर नहीं चढ़ सके जहां तिवारी जी का झंडा लगा हुआ है। भाजपा की सरकारों और पूर्व मुख्यमंत्रियों की तरह वर्तमान सरकार को भी समय-समय पर परीक्षाएं देनी पड़ रही हैं लेकिन कहीं न कहीं धामी शीर्ष नेतृत्व की कसौटी पर खरे साबित हुए हैं।उत्तराखंड को लेकर भाजपा का शीर्ष नेतृत्व अतिरिक्त सावधान है। राज्य के नेताओं के बीच न सिर्फ संतुलन बना दिया है बल्कि बीच-बीच में मुख्यमंत्री धामी की पीठ पर थपथपाकर पूरी पार्टी को संदेश भी दे देती है। आज से कुछ साल पहले तक राज्य की पुरानी भाजपा को देखें तो संगठन और सरकार के बीच खुलेआम खींचतान दिखती थी। इन चार वर्षो में पार्टी ने इस धारणा को भी तोड़ा है। इसका एक बड़ा संकेत भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद पर सांसद महेंद्र भट्ट की वापसी से जोड़कर देखा जा रहा है। एक बार फिर पार्टी के नेताओं और खासकर कार्यकर्ताओं को स्पष्ट संदेश दिया गया है।

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