हरिद्वार, काविड़ को लेकर स्कूल खोलने के मामले को लेकर सुनवाई हुई। इस दौरान हाईकोर्ट ने सरकार को 17 अगस्त तक जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। वहीं, अब इस मामले में 18 अगस्त को सुनवाई होगी। कुछ दिन पहले उत्तराखंड सरकार ने कोविड के चलते 6से 12तक स्कूल खोलने के आदेश दिए थे जिसके बाद ये आदेश बदल कर 9से कक्षा 12तक स्कूल खोलने का निर्णय लिया गया था
बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ में हरिद्वार निवासी विजय पाल की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। आज याचिका कर्ता द्वारा सरकार के 31 जुलाई 2021 के साशनादेश को भी चुनौती देते हुए कहा कि इसमें कई तरह की खामियां है। पहाड़ी क्षेत्र के स्कूल इन मानकों को पूरा नही कर सकते है। जीओ में लिखा है कि स्कूल दो पालियों में खोले जाएंगे । पहली पाली में 9 से 12 तक कक्षाओं के बच्चे शामिल होंगे, जिनकी कक्षाएं चार घण्टे चलेंगी।
वही दूसरी पाली में 6 से 8 तक की कक्षाएं चलेंगी। मध्याह्न में कक्षाओं को पूर्ण रूप से सेनेटाइज किया जाएगा।शनिवार व रविवार को जिला प्रशासन, नगर पालिका व स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से स्कूल सेनेटाइज होंगे। जिसकी जिम्मेदारी प्रत्येक जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारी की होगी, जो करना नामुमकिन है, क्योंकि सरकारी स्कूलों में इतनी व्यवस्थाएं नही है। दुर्गम क्षेत्रो में इसका पालन कराना और भी नामुमकिन है। जीओ में यह भी कहा है कि बिना अभिभावकों के सहमति के बच्चों को स्कूल नही बुलाया जाएगा और कक्षाएं ऑनलाइन और भौतिक रूप से चलेंगी। इसमे समस्याएं आएंगी। पिछले डेढ़ साल से बच्चों की स्कूल जाने की आदत छूट चुकी है।
अभि कारोनो के केस मे कमी तो आई है लेकिन खत्म नहीं हुआ अभी भी हर रोज केस आ रहे है इसके बाद भी सरकार का स्कूल खोलने निर्णय सही नही है सरकार का खुद ही कहना है कि करोना पीटीसी लहर आनी है जिस का प्रकोप सबसे ज्यादा बच्चों पर होगा वहीं शहर में लोगों ने मास्क और सैनिटाइजर का प्रयोग बिल्कुल बंद कर दिया है कक्षा नौ से 12वीं तक के बच्चों के लिए सरकार ने स्कूल खोलने की अनुमति दे दी है। फिलहाल अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने से कतरा रहे हैं। इसके चलते स्कूल खुलने के दूसरे दिन भी बच्चों की उपस्थिति 50 फीसदी से कम रही। देहरादून जिले के 223 स्कूलों में 34621 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। इनमें से दूसरे दिन कुल 14897 छात्र स्कूल में उपस्थित रहे। मुख्य शिक्षा अधिकारी ने बताया कि स्कूल न आने वाले बच्चों के लिए ऑनलाइन व्यवस्था पर पढ़ाई कराने के निर्देश दिए गए हैं।