हरिद्वार, जोशीमठ भूधंसाव का मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है वही स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वतीजी महाराज ने शनिवार को अपने अधिवक्ता के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में पीआइएल दाखिल की है। उक्त जानकारी स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती के मीडिया प्रभारी डाक्टर शैलेन्द्र योगी उर्फ योगीराज सरकार ने दी है।
मिली जानकारी अनुसार स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती ने कहा की जोशीमठ में निर्माण कार्यों की वजह से जमीन के अंदर से पानी और भवनों में दरारें पड़ने शुरू हो गई है जिसके चलते वहां रहने वाले लोगों की सांसें अटकी हुई है हर कोई डरा हुआ है
विकास के नाम पर हिमालयी क्षेत्र को सुनियोजित तरीके से बर्बाद करने का आरोप लगाते हुए शंकराचार्य ने कहा कि सीमावर्ती नगर में रह रहे हजारों लोगों का जीवन खतरे में है।
जोशीमठ के रास्ते में संवाददाताओं से बातचीत में शंकराचार्य ने शुक्रवार को कहा, ‘‘सरकार को नगर के लोगों के लिए एक बार के राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिए।’’
उन्होंने जोशीमठ को धार्मिक एवं सांस्कृतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण नगर करार देते हुए कहा कि भगवान विष्णु, जिन्हें बदरीनाथ मंदिर समर्पित है, सर्दियों में उनकी पूजा-अर्चना भी जोशीमठ के नरसिंह मंदिर में की जाती है।
शंकराचार्य ने कहा, ‘‘नगर के हजारों बाशिंदों की तरह ही भगवान का भी पुनर्वास करने की जरूरत पड़ सकती है।’’