हरिद्वार, उत्तर प्रदेश के बाद अब उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश जारी किए कि सभी सड़कें 15 अक्टूबर तक गड्ढ़ा मुक्त की जाएं। राज्य में अतिवृष्टि से प्रभावित सभी क्षेत्रों में स्थिति सामान्य करने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किये जाएं। सचिव, विभागाध्यक्ष एवं सभी जिलाधिकारी पुनर्निर्माण कार्यों की नियमित समीक्षा करें। जो कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं, उनका भौतिक सत्यापन किया जाए। जो सड़कें अभी बंद हैं, उन्हें यथाशीघ्र सुचारू किया जाए।
मुख्यमंत्री ने जल जनित बीमारियों से बचाव के लिए पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को जागरूकता अभियान चलाने और सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने के आदेश दिए। नगर निकायों में आंतरिक मार्गों की मरम्मत और स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान देने की अपील की गई है।
उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये हैं कि सफाई व्यवस्था में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। अस्पतालों में सफाई व्यवस्था के साथ ही मरीजों को सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं। उन्होंने नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में आंतरिक मार्गों की मरम्मत एवं स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिये हैं।
प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य में प्राकृतिक आपदा से बचाव के लिए कुल 427.87 करोड़ रूपये की धनराशि आवंटित की जा चुकी है। इसमें राज्य आपदा मोचन निधि से 386.87 करोड़ रूपये, राज्य सेक्टर न्यूनीकरण मद से 15 करोड़ और राज्य सेक्टर नॉन एसडीआरएफ मद से 26 करोड़ रूपये अवमुक्त किये गये हैं।
राज्य आपदा मोचन निधि के पुर्स्थापना और पुनर्वास मद के लिए विभागों को 95 करोड़ की धनराशि और दी जा रही है। इसके लिए लोक निर्माण विभाग को 50 करोड़, पीएमजीएसवाई को 15 करोड़, पेयजल निगम को 20 करोड़ एवं यूपीसीएल को 10 करोड़ रूपये की धनराशि दी जा रही है।
बैठक में राज्य आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष विनय रोहिला, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलैश बगोली, सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पाण्डेय, आर.सी अजय मिश्रा, संबंधित विभागों के अपर सचिव, विभागध्यक्ष एवं सभी जिलाधिकारी जुड़े थे।