हरिद्वार, उत्तराखंड के हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर आज 50 हजार लोगों के मकान तोड़ने का फरमान जारी हो सकता है बनभूलपुरा व गफूर बस्ती में रेलवे की जमीन से अवैध कब्जा हटाने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। आज सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर बने आशियानों पर बुलडोजर चलेगा या नहीं।
मिली जानकारी अनुसार हल्द्वानी के बनभूलपुरा में रेलवे की तकरीबन 32 हेक्टेयर पर अतिक्रमण कर लिया गया है. इस जमीन पर बस्ती तक बस चुकी है. हाईकोर्ट के फैसले के बाद इस जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराना था, लेकिन उच्च न्यायालय के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी गई. उधर, हाईकोर्ट के आदेश के बाद उत्तराखंड पुलिस और स्थानीय प्रशासन अवैध कब्जा हटाने की तैयारियों में जुट गया था. हालांकि, अब इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करने का फैसला किया गया है. अतिक्रमण हटाओ अभियान 5 जनवरी को शुरू किया जाना था, जिसे अब 10 जनवरी 2023 तक के लिए टाल दिया गया है. रेलवे के अधिकारी बनभूलपुरा का मौका मुआयना भी कर चुके हैं.
नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ बुधवार को कुछ लोगों ने प्रदर्शन किया और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उनकी मांग है कि सुप्रीम काेर्ट हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाए और हजारों लोगों को बेघर होने से बचाए। सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को मामले पर सुनवाई करेगा। याचिकाकर्ताओं की तरफ से कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद केस की पैरवी करेंगे।
रेलवे दावा करता है कि उसके पास पुराने नक्शे हैं. 1959 का नोटिफिकेशन है. 1971 का रेवेन्यू रिक़ॉर्ड है. 2017 की सर्वे रिपोर्ट है. लेकिन अपने हाथ में तमाम दस्तावेज, पुराने कागज और दलीलों के साथ लोग सवाल उठाते हैं. सवाल तो इस विवाद से भी उठ रहा है. 4400 परिवारों और 50 हजार लोग अतिक्रमणकारी हैं या फिर अपना घर बचाने के लिए ये लाचारी के मोड़ पर खड़े हैं. फैसला आज सुप्रीम कोर्ट को करना है. लेकिन इस फैसले के आने से पहले ही कई लोगों पर इसका असर दिखने लगा है. उसी फैसले के इंतजार में जिनके घर 20 जनवरी को शादी है. उन्होंने बुलडोजर के साए की वजह से एक भी कार्ड शादी का अब तक नहीं बांटा है. अब्दुल मतीन सिद्दीकी कहते हैं कि तलवार लटक रही है, अगर एक भी घर यहां टूटा तो हम अपनी खुशी मना नहीं पाएंगे. इसीलिए होल्ड पर ऱखा है.
डीआईजी ने एक बड़ा बयान दिया है.
उनका कहना है कि कैसे किस तरह हटाएंगे, पूरा प्लान कर रहे हैं, फोर्स मांग लीहै. 14 कंपनी पैरामिलिट्र्, आरपीएफ मांगी है, आठ तारीख तक मिल जेगी. पांच कंपनी पीएसी लगी है. तीन कंपनी राज्य सर्तर की लगेगी. गढ़वाल कमाऊं से रसिपाही. 4 से 5 हजार फोर्स लगेगी. अब इस समय कुछ सवालों पर 50 हजार लोगों की जिंदगी टिकी है. वो सवाल हैं-