हरिद्वार, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ उमेश पाल के मुख्य साजिशकर्ता सदाकत खान की फोटो इंटरनेट मीडिया पर लगातार बारिश हो रही है जिसके बाद अखिलेश यादव ने इस फोटो को लेकर बयान दिया है की सोशल मीडिया का दौर है किसी की फोटो किसी के साथ हो सकती है उन्होने कहा मेरी फोटो तो योगी आदित्यनाथ के साथ भी है
मिलि जानकारी अनुसार अधिवक्ता उमेश पाल की हत्या की साजिश रचने का मुख्य आरोपित सदाकत अली खान है। वह मुस्लिम बोर्डिंग हास्टल में अवैध रूप से रहकर नेतागिरी और तमाम अन्य गतिविधियों में लिप्त रहता। इस हत्याकांड के शूटर गुलाम ने उसके साथ मिलकर वारदात का ताना-बाना बुना। सदाकत को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है। भागने का कोशिश में वह डिवाइडर से टकराकर घायल हो गया इसलिए अस्पताल में भर्ती किया गया है। उससे तमाम पूछताछ की जा रही है।
दूसरी ओर सपा ने भी बीजेपी नेता के साथ सदाकत खान की तस्वीरें साझा की है. तस्वीर शेयर करते हुए उन्होंने लिखा, “सदाकत वर्तमान में BJP का सदस्य था जिसकी फोटो सपा के साथ जोड़ी जा रही. BJP की पूर्व विधायिका नीलम करवरिया के घर पर नीलम के पति उदयभान करवरिया के साथ सदाकत की फोटो BJP के साथ इस घटनाक्रम का कनेक्शन बताती हैं.”
सपा ने आगे कहा, “इससे पहले भी एक BJP नेता राहिल इस केस का मास्टरमाइंड पकड़ा जा चुका है. ये हत्या भाजपा ने करवाई है. 2024 के चुनाव में प्रयागराज और आसपास के जिलों में सांप्रदायिक तनाव फैले और भाजपा इसका चुनावी लाभ ले इसीलिए इस घटना को भाजपा ने बकायदा सत्ता का उपयोग करके अंजाम दिलवाया है. भाजपा इस तरह की साजिशें चुनाव के पूर्व करती है जो कि बेहद शर्मनाक है.”
पुलिस आयुक्त रमित शर्मा ने बताया कि सदाकत गाजीपुर के गहमर के बारा का रहने वाला है। उसने प्रयागराज में रहकर एलएलबी की डिग्री ली और हाई कोर्ट में वकालत करने लगा। इधर वह विश्वविद्यालय परिसर में छात्र नेतागिरी में भी सक्रिय रहता। भाजपा के एक पूर्व विधायक के साथ उसने इंटरनेट मीडिया पर फोटो डाली है। उसका मिलना-जुलना मेहंदौरी के गुलाम से हुआ। गुलाम अक्सर उसके पास मुस्लिम हास्टल के कमरे में आने लगा। गुलाम का भी पूर्व विधायक के साथ उठना-बैठना रहा है।
हालांकि फिर उसने पूर्व विधायक से दूरी बना ली और अतीक गैंग के साथ हो गया। पुलिस आयुक्त के मुताबिक, गुलाम ने सदाकत के कमरे में उमेेश पाल हत्याकांड की रूपरेखा तैयार की थी। गुलाम के साथ दूसरे शूटर भी इन बैठकों में शामिल होने सदाकत के कमरे में पहुंचते रहे हैं। सदाकत को कहा गया था कि उसे अतीक गिरोह के जमीन के मामले देखने का काम सौंपा जाएगा जिसमें मोटी कमाई होती है। इसीलिए उसने गुलाम और अन्य शूटरों को अपने कमरे में बैठकर साजिश रचने में सहायता की।