हरिद्वार, करवा चौथ व्रत महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता हैकरवाचौथ कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 24 अक्तूबर (रविवार) को मनाया जाएगा। महिलाएं जीवन साथी की दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए दिनभर निर्जल व्रत करेंगी।इस बार करवाचौथ पर रोहिणी नक्षत्र और रविवार का संयोग बन रहा है। यह संयोग पूरे पांच साल बाद आया है। इस संयोग में श्रीगणेश के साथ ही सूर्यदेव की भी विशेष कृपा होगी।व्रती महिलाएं रात को चांद दर्शन और पूजा के बाद व्रत तोड़ती हैं। मान्यता है कि चंद्र दर्शन और चांद को अर्घ्य देने से पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
करवा चौथ के दिन चांद निकलने का समय हर जगह पर अलग-अलग होता है। कुछ स्थानों पर चांद जल्दी निकल आता है, तो कहीं पर चंद्रदर्शन देर से होते हैं।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, करवा चौथ पर चंद्रमा अपने प्रिय नक्षत्र रोहिणी में उदित होंगे। ऐसा संयोग करीब पांच साल बाद बन रहा है।
करवा चौथ पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 06 बजकर 55 मिनट से लगभग 9 बजे तक है। जानिए आपके शहर में करवा चौथ के दिन कितने बजे निकलेगा चांद-
गाजियाबाद- 08 बजकर 06 मिनट पर।
हरियाणा- 08 बजकर 10 मिनट।
लुधियाना- 08 बजकर 07 मिनट पर।
चंडीगढ़- 08 बजकर 03 मिनट पर।
कानपुर- 08 बजे।
प्रयागराज- 07 बजकर 56 मिनट पर।
इंदौर- 8 बजकर 56 मिनट।
मुरादाबाद- 07 बजकर 58 मिनट पर।
जयपुर- 08 बजकर 17 मिनट पर।
पटना- 07 बजकर 46 मिनट पर।
यमुना नगर (हरियाणा)- 08 बजकर 08 मिनट पर।
इस दिन व्रत रखने से गणेश भगवान के साथ ही सूर्यदेव का भी आशीर्वाद प्राप्त होगा। उन्होंने बताया कि करवाचौथ का व्रत निर्जल किया जाता है। इस व्रत में चंद्रमा के उदय होने पर भगवान गणेश, कार्तिकेय, माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करके चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत समाप्त किया जाता है।
चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश की जन्मतिथि मानी जाती है, इसलिए इस दिन महिलाओं के साथ ही कोई भी व्यक्ति उपवास रख सकता है। गणेश भगवान को विघ्न हरता कहा गया है, इसलिए इस व्रत के रखने से जहां विवाहित महिलाएं अपने सुहाग की रक्षा करती हैं, वहीं कुंवारी युवतियां इस व्रत को रखकर विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करती हैं।