हरिद्वार, करोनो काल के चलते कुम्भ मेले की अवधि को लेकर अब तक हर कोई असमंजस मे था जिसके बाद आज मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने कुंभ मेला अवधि पर स्थिति स्पष्ट कर दी है। मार्च अंत में इसका नोटिफिकेशन जारी हो सकता है। हरिद्वार कुंभ मेला की अवधि पर जारी असमंजस के बीच मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने स्पष्ट किया कि अधिकारिक कुंभ मेला एक से तीस अप्रैल के बीच ही होगा। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने कोविड के कारण कुंभ मेला अवधि घटाने पर जोर दिया है। महाकुंभ की एसओपी को लेकर कुछ व्यापारियों और संत समाज में रोष है। अब कुंभ केवल एक माह का होगा मुख्य सचिव की ओर से इस बात की पुष्टि होने के बाद रोष और बढ़ सकता है।
वहीं उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि कुंभ की तैयारियां जारी हैं। 19 फरवरी को पुलिस और खुफिया एजेंसी के अधिकारियों के साथ अंतरराज्यीय बैठक आयोजित की जाएगी। नए घाट, पुल, पार्किंग, फोर लेन हाईवे बन चुके हैं। एनएसजी, एटीएम, क्यूआरटी और महिला कमांडो भी तैनात किए जाएंगे।
मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार भी कुंभ अवधि 30 दिन तक सीमित रखेगी। उन्होंने बताया कि रेलवे को पत्र लिखा गया है कि ट्रेन से जो भी यात्री आए हरिद्वार आएं, उनके पास कोविड नेगेटिव की रिपोर्ट हो। साथ ही कुंभ के लिए स्पेशल ट्रेन, बस भी नहीं चलाने के लिए रेलवे और संबंधित राज्यों को पत्र लिखा गया है। शाही स्नान के दिन हरिद्वार आने के लिए ट्रेन उपलब्ध नहीं होगी, अलबत्ता हरिद्वार स्टेशन से बाहर जाने के लिए कुछ ट्रेनें खड़ी रहेंगी। विभाग में प्रस्ताव पर मंथन
कुंभ के नोटिफिकेशन पर शहरी विकास विभाग को मेला प्रशासन का प्रस्ताव मिल गया है। सूत्रों के अनुसार प्रस्ताव पर अभी मंथन चल रहा है। अंतिम मंजूरी के लिए इसे कैबिनेट में भेजा जाएगा। इस बार कुंभ काल के ज्यादातर स्नान बिना अधिकारिक नोटिफिकेशन के ही होने के आसार हैं। नोटिफिकेशन होते ही केंद्र सरकार की सख्त एसओपी से बचने के लिए राज्य सरकार कुछ स्नानों को ही अधिकारिक कुंभ का दर्जा देगी। इसी क्रम में नोटिफिकेशन इस बार देरी से होगा।