हरिद्वार, उत्तराखंड के विश्व विख्यात केदारनाथ मंदिर से गायब हुआ 228 किलो सोने पर अविमुक्तेश्वरानंद ने इसे ‘सोना घोटाला’ नाम दिया है. 228 किलो सोना गायब हुए काफी समय हो गया है लेकिन उसके बावजूद भी कोई जांच पड़ताल नहीं की जा रही आखिर क्यों अब यह कहा जा रहा है कि दिल्ली में केदारनाथ बनाएंगे, ऐसा नहीं हो सकता है.”
कमलनाथ ने एक्स पर लिखा है कि ‘ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी ने केदारनाथ धाम से 228 किलो सोना ग़ायब होने की बात कही है। शंकराचार्य ने यह भी आरोप लगाया है कि केदारनाथ धाम में इतना बड़ा घोटाला होने के बावजूद जाँच तक नहीं कराई गई। हिन्दुओं की आस्था के सबसे बड़े प्रतीक भगवान केदारनाथ धाम से सोना चोरी जैसा कुकर्म घृणित पाप और अक्षम्य अपराध की श्रेणी में आता है।’
उन्होंने कहा कि ‘हैरानी की बात है कि इस मामले में न्याय के लिए शंकराचार्य स्वामी को स्वयं सामने आना पड़ा है। जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी द्वारा यह बताना कि इतने बड़े घोटाले की जाँच तक नहीं कराई गई, बेहद गंभीर विषय है। भगवान केदारनाथ धाम से 228 किलो सोना गायब होने का यह पूरा मामला लाखों करोड़ों हिन्दुओं की भावनाओं से खिलवाड़ है। आस्थाओं पर हमला है। मैं केन्द्र और राज्य सरकार से माँग करता हूँ कि हम सबके शीर्ष गुरू शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद द्वारा उठाए मामले की गंभीरता से जाँच करें और भगवान के घर में चोरी/घोटाले को अंजाम देने वाले दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें।’
अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के बयान पर अखिल भारतीय संत समिति ने उनसे तीखे सवाल किए है। अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि “उन्हें जानकारी नही है, कि केदारनाथ से कभी सोना गायब हुआ है या नही, लेकिन रामलला के मंदिर निर्माण के समय रामालय ट्रस्ट के नाम पर देशभर से एक एक ग्राम सोना इकठ्ठा स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के द्वारा किया गया। इसका हिसाब देश को स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को देना चाहिए। हिंदू समाज जानना चाहता है, कि भगवान श्री राम के नाम पर जो सोना इकट्ठा किया गया वह कहा है”।