सहारनपुर। पिछले कुछ दिनों से लगातार बढ़ रहे तापमान का असर फसलों पर भी दिखने लगा है। फसलों को सूखे से बचाने के लिए किसानों को कृत्रिम ढंग से सिंचाई करने के लिए विवश होना पड़ रहा है। इसके कारण किसानों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ भी बढ़ रहा है।
पिछले एक सप्ताह से लगातार बढ़ रहे तापमान और गर्म तेज हवाओं के कारण फसलों में पानी की मांग बढ़ गई है। ऐसे में किसानों का फोकस अब फसलों को किसी तरह से सूखे से बचाने के लिए किए जाने वाले उपाय पर टिक गया है। गलीरा के किसान सुशील कुमार ने बताया कि इस समय तापमान बढ़ने से गन्ना, मक्का, ज्वार आदि फसलें गर्मी की चपेट में आने लगी है। पानी की कमी के कारण फसल सुखी-सुखी व पीली पड़ती नजर आने लगी है। जिन स्थानों पर सिंचाई के साधन नहीं है। उन स्थानों पर किसानों को ज्यादा दिक्कतें उठानी पड़ रही है। उनकी उम्मीद अब बारिश पर ही टिकी हुई है।
किसान अशोक कुमार, श्याम बिहारी आदि का कहना है कि फसलों को बचाने के लिए ट्यूबवेल आदि का सहारा लेकर फसलों को सूखे से बचाने की कोशिश की जा रही है। इसमें जहां किसानों का ज्यादा समय बर्बाद हो रहा है वहीं उन पर आर्थिक बोझ भी बढ़ रहा है। किसान सतीश ने बताया कि तापमान बढ़ने के कारण ट्यूबवेल के बोरिंग का वाटर लेवल भी कम हो गया है। जिस खेत की सिंचाई करने में पहले चार से पांच घंटे लगते थे अब उस खेत की सिंचाई करने में सात से आठ घंटे तक का समय लग रहा है।
रिपोर्ट। रमन गुप्ता