चंद्र ग्रहण के दौरान ना करें भोजन, इन कामों को भी करने से बचें

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चंद्र ग्रहण को खगोलीय घटना माना जाता है। लेकिन इसे ग्रहों से भी जोड़ा गया है। ज्योतिष शास्त्र में इसके बड़े प्रभाव माने गए हैं। 5 जून को साल 2020 का दूसरा चंद्र ग्रहण है जो उपच्छाया है। इसका अर्थ हुआ कि चांद का आकार कटने की बजाय यह ग्रहण समय में धुंधला दिखेगा। वैसे तो ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक लग जाता है। लेकिन जानकारों के मुताबिक उपच्छाया चंद्र ग्रहण लगने पर सूतक काल का अर्थ नहीं रह जाता है

यह चंद्रग्रहण 5 जून को रात्रि 11 बजकर 16 मिनट पर प्रारम्भ होगा व 6 जून को तड़के 2 बजकर 32 मिनट तक रहेगा। लेकिन इस ग्रहण का सूतक का असर नहीं होगा। यह ग्रहण वृश्चिक राशि तथा ज्येष्ठा नक्षत्र पर लगेगा जिस वजह से इसे शुभ नहीं माना जा रहा। पंडित सुजीत जी महाराज के अनुसार ऐसा ग्रहण किसी बड़ी प्राकृतिक आपदा का संकेत हो सकता है।

चंद्र ग्रहण के समय कुछ कामों को करने की मनाही होती है। देखें इसकी लिस्ट
ग्रहण के दौरान भोजन ना करें। दरअसल चंद्र ग्रहण के दौरान वायुमंडल में बैक्टीरिया और संक्रमण का प्रकोप तेजी से बढ़ जाता है। ऐसे में भोजन करने से संक्रमण अधिक होने की आशंका रहती है। इसलिए ग्रहण के दौरान भोजन खाने से बचना चाहिए।
बीमार, बुजुर्गों, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को छोड़कर बाकी लोग ग्रहण के दौरान पानी भी न पिएं।
चंद्र ग्रहण के दौरान पति पत्नी को करीब नहीं आना चाहिए।
गर्भवती महिलाएं इस दौरान चांद की रोशनी में जाने से बचें। इसे होने वाले शिशु को परेशानी हो सकती है।
ग्रहण के दौरान तेल लगाना, ताला खोलना, बाल बनाना, दांत साफ करना जैसे काम भी नहीं करने चाहिए।
ग्रहण के दिन पत्ते, तिनके, लकड़ी और फूल नहीं तोड़ना चाहिए।
ग्रहण के दौरान करने के लिए कुछ जरूरी नियम बताए गए हैं। इनका पालन जरूर करें –
ग्रहण के समय गायों को घास, पक्षियों को अन्न, जरूरत मंदों को वस्त्र दान जरूर करें। ये पुण्य देता है।
ग्रहण लगने से पूर्व स्नान करके भगवान का पूजन, यज्ञ और जप करना चाहिए।
ग्रहण से पहले मंदिर के कपाट बंद कर दें। लेकिन मंत्र और जाप कर सकते हैं।
मन और विचार साफ रखें। हो सके तो कुछ देर ध्यान लगाकर अपने इष्ट का स्मरण करें।

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