देवबंद,बांग्लादेशी नागरिक की गिरफ्तारी में अदालत ने दिए अग्रिम जांच के आदेश, विवेचक को लगाई फटकार

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देवबंद। फर्जी दस्तावेजों पर भारत में अवैध रुप से रहकर दारुल उलूम में पढ़ाई करने के दौरान अप्रैल 2022 को गिरफ्तार किए गए बांग्लादेशी छात्र, उसके साथियों और फर्जी प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने के मद्दगारों पर दर्ज मामले में विवेचना से असंतुष्ट एसीजेएम परविंद्र सिंह की अदालत ने विवेचक को कड़ी फटकार लगाई है। साथ ही अदालत ने पुलिस को मुकदमे की अग्रिम विवेचना के आदेश दिए हैं।
एसीजेएम परविंद्र सिंह ने बांग्लादेशी अभियुक्त के देशविरोधी और आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त होने के बावजूद विवेचक सिराजुद्दीन के सामान्य धाराओं में मामला पंजीकृत करने पर नाराजगी जताते हुए कड़ी फटकार लगाई है। दरअसल, पुलिस ने अप्रैल 2022 को अवैध रुप से घुसपैठ कर फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर दारुल उलूम में प्रवेश लेकर पढाई कर रहे कक्षा आठ (अरबी) के छात्र फारुक को गिरफतार किया था। छात्र शुरुआत में स्वयं को मेघालय भारत का नागरिक बताया था और उसके पास भारत का आधार कार्ड व पैन कार्ड भी था। हालांकि तलाशी लेने पर उसके पास से बाग्लादेश पासपोर्ट की फोटो स्टेट, बांग्लादेशी मुद्रा के नोट व मोबाइल बरामद हुआ था। इसमें लगी लगी चिप में देशविरोधी गतिविधियों के साहित्य मिले थे। सख्ती से पूछताछ में फारुक ने स्वीकार किया था कि वह बांग्लादेश के थाना दारुद कुंदी, डिविजन चटोग्राम जिला कुमिल्ला का निवासी है। दारुल उलूम में पढाई के लिए फर्जी तरीके से भारत में दाखिल हुआ था। वर्ष 2017 में उसने तहसील के सामने स्थित दुकान से फर्जी आधार कार्ड व पैन कार्ड बनाया था। उसने यह भी बताया कि उसके दो साथी सलाउद्दीन सालिम व इफ्तेकार-उल-हक भी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दारुल उलूम में कक्षा सात में पढ़ते हैं।
मामले पुलिस ने फारुक, सलाउद्दीन सालिम, इफ्तेकार-उल-हक, तहसील गेट के सामने अज्ञात दुकानदार व रशीदिया मस्जिद के पास टोपी की दुकान चलाने वाले व्यक्ति के विरुद्ध धारा 420,467,468,471 व 14बी विदेशी अधिनियम की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की थी। विवेचना उस समय कोतवाली में तैनात इंस्पेक्टर सिराजुद्दीन ने की थी। मुख्य अभियुक्त फारुक भोपाल केंद्रीय कारागार में निरुद्ध है और भोपाल की स्पेशल कोर्ट में अभियुक्त है जिसमें उसके बांग्लादेशी आतंकी संगठन जेएमबी का सक्रिय सदस्य होने, मुस्लिम युवाओं को जिहाद के नाम पर आतंकी संगठन में शामिल करने व उनसे भारत के विभिन्न राज्यों में आतंकी घटनाएं करने के लिए प्रेरित करने के पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध है। एसीजेएम परविंद्र सिंह के यहां चल रही सुनवाई में अदालत ने विवेचक सिराजुद्दीन के विवेचना में घोर लापरवाही बरतने पर कड़ी फटकार लगाई। कहा कि विवेचक ने दो बांग्लादेशी छात्रों के फरार होने के कारण उनकी विवेचना को समाप्त कर दिया। उनके फरार होने में अन्य लोगों के सहयोग के संबंध, बांग्लादेशी छात्रों के संपर्क और दारुल उलूम से प्रवेश संबंधी अनियमित्ता व विदेशी छात्रों के अवैध दाखिले की जांच नहीं की। फरार आरोपी 2017 से 2022 तक पांच साल दारुल उलूम में पढे और 2022 में उन्होंने अपना दाखिला जिस पत्र को भेजकर निरस्त कराया उस पत्र को कौन लाया इसकी जांच भी नहीं की गई। एसीजेएम ने देवबंद कोतवाली के इंस्पेक्टर को मुकदमे की अग्रिम विवेचना कराने के आदेश दिए है। आदेश की प्रतिलिपि एसएसपी सहारनपुर, जिला जज, प्रदेश के डीजीपी व मुख्य सचिव को भी भेजी गई है।

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