न्यायधर्मसभा के प्रतिभागी चन्द्रसेन शर्मा ने मीडिया से वार्ता के दौरान कहा कि पार्टी के संस्थापक,मार्गदर्शक एवं 111 न्यायप्रस्तावों के जनक श्रद्धेय अरविंद अंकुर जी के न्यायप्रस्तावों पर प्रबुद्ध लोग सहमति प्रदान कर रहें हैं और जन जन को जागरूक करने के लिए आगे भी आ रहे हैं।
राजनैतिक न्याय के लिए जनता को 12 मताधिकार सुलभ होने चाहिए। आज की व्यवस्था मे जनता के पास केवल एक मताधिकार नेता चुनने का है। बाकी 11 मताधिकार गायब हैं। जिसके कारण नेताओं की मनमानी चलती है। जनता अपने अधिकारों से बंचित है।
अगर जनता को 12 मताधिकार सुलभ होंगे तो जनता अपने जन्मसिद्ध अधिकार जैसे निःशुल्क शिक्षा,रोजगार,निःशुल्क आवासीय सुविधाएं तथा निःशुल्क संरक्षण बीमा,बैंकिंग चिकित्सा,पेंशन,भविष्य निधि,सुरक्षा आदि स्वम प्राप्त कर लेगी।
कोई भी नियम,नीति और निर्णय जो जनहित के विरुद्ध होंगे जनता बहुमत के आधार पर खारिज कर सकेगी। जनहितैषी नियम,नीति और निर्णय को बहुमत के आधार पर पारित कर सकेगी।
राजकोष से जनता को चारों जनाधिकार निःशुल्क शिक्षा,निःशुल्क रोजगार,निःशुल्क आवासीय सुविधाएं तथा निःशुल्क संरक्षण सुलभ कराने का काम न्यायधर्मसभा करेगी।