हरिद्वार, कारोनो से अभी लोगो को राहत मिलि नही की फांगस के कई ममाले सामने आ चुके है पहले ब्लैक, व्हाइट, येलो , और अब ग्रीन फंगस के मरीज मिलने शुरु हो गए जिसमे की पहला मामला इंदौर से था वही आज दूसरा मामला पंजाब से है मरीज की उम्र 61साल है जिसको मार्च मे कारोनो हुआ था और अब उसी मरीज मे ग्रीन फंगास की पुष्टि हुई है मरीज बाबा बकाला का रहने वाला है। वह अमृतसर मार्ग पर स्थित मकसूदां स्थित सेक्रेड हार्ट अस्पताल के आईसीयू में भर्ती है। ग्रीन फंगस का पहला मरीज कुछ दिन पहले मध्यप्रदेश के इंदौर में मिला था। कोरोना संक्रमित मरीजों के ठीक होने के बाद ब्लैक फंगस समेत कई बीमारियां जकड़ रही है और जालंधर में देश का दूसरा ग्रीन फंगस का मरीज मिलने से चिकित्सकों में खलबली मच गई है विशेषज्ञों के अनुसार एसपरजिलस फंगस को ही सामान्य भाषा में ग्रीन फंगस कहा जाता है। एसपरजिलस कई तरह की होती है। ये शरीर पर काली, नीली हरी, पीली हरी और भूरे रंग की पाई जाती है। एसपरजिलस फंगल संक्रमण भी फेफड़ों को प्रभावित कर सकता है। इसमें फेफड़ों में मवाद भर जाता है, जो इसे खतरनाक बना देता है। दरअसल, यह फंगस फेफड़ों को काफी तेजी से संक्रमित करता है।