पहली बार रावण को जलाने से पहले बचाना पड़ रहा है बारिश के चलते रावण की गर्दन हुई टेढ़ी

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हरिद्वार, इतिहास गवाह है कि आज तक रावण को जलाने के लिए हर साल बुराई पर अच्छाई की जीत का सबक मिलता है लेकिन इस बार ईश्वर की ऐसी मर्जी रही कि रावण को जलाने से पहले उसको बचाने की जरूरत पड़ रही है इस वक्त दिल्ली से लेकर लखनऊ तक कई इलाकों में भारी बारिश और तूफान चल रहा है जिसके चलते रावण के पुत्रों को बचाया जा रहा है कहीं रावण के पुतलों में पानी भर चुका है जिसके कारण उनको जलाना भी असंभव हो जाएगा

मिली जानकारी अनुसार कानपुर में सुबह से हो रही तेज बारिश की वजह से शहर भर में जगह-जगह लगाए गए करीब 200 रावण के पुतले पानी की वजह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। सबसे पुराने रामलीला परेड में स्थापित रावण का पुतला भी कई जगह से टूट गया है। लगातार हो रही बारिश के कारण गोविंद नगर रामलीला मैदान में रावण, मेघनाथ व कुंभकरण के पुतले बारिश में जर्जर हो गए। साथ ही मैदान में पानी भर गया। रामलीला मैदान के मेले में लगी दुकानों में जलभराव हो गया है। साकेत नगर रामलीला मैदान में बारिश में क्षतिग्रस्त के बाद दशानन का पुतला जमीन पर गिर पड़ा।

मेरठ में बुधवार को अचानक शुरू हुई बारिश से मौसम सुहाना हो गया। वहीं, तेज बारिश होने से दशहरा की तैयारियों पर पानी फिर गया है। यहां दशहरे के अवसर पर बुधवार को सुबह से ही मौसम बदला-बदला दिखाई दिया। बदलते मौसम के साथ आसमान पर हल्के बादल छाए और तेज हवा चलने लगी। वहीं दोपहर में अचानक तेज बारिश शुरू हो गई। इस दौरान झमाझम बारिश के बीच शहरवासियों को परेशानी का भी सामना करना पड़ा।

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