प्रकाशनार्थ- जन कल्याण के लिए एक माह तक 21 धूनी तपस्या। गुरुग्राम सेक्टर 59 बहरामपुर स्थित खोली धाम शिव मन्दिर के महन्त श्री सोमदत्त गिरि जी महाराज 23 मई से 22 जून तक जन कल्याण के लिए 21 धूनी तपस्या कर रहे हैं।इस भीषण गर्मी में जहां लोगों का घर से निकलना कठिन हो रहा है वहीं दूसरी तरफ हमारे संत हम सभी की भलाई के लिए,जन हित, समाज हित, राष्ट्र हित के लिए पूर्णतया समर्पित हैं। परहित सरिस धर्म नहिं भाई, पर पीड़ा सम नहिं अधमाई चरितार्थ करते हुए संत तपस्यारत हैं। श्री राम चरित मानस में पूज्य तुलसीदास बाबा कहते हैं कि परोपकार पुरुषार्थ से बड़ा कोई धर्म नहीं है। संत कबीरदास जी ने भी कहा कि वृक्ष कबहुंक नहिं फल में नदी न संचय नीर,परमारथ के कारने साधुन धरा शरीर। जिस प्रकार वृक्ष कभी अपने फलों को स्वयं न खाते हैं, नदी कभी भी अपना जल अपने लिए एकत्र नहीं करतीं हैं हमेशा दूसरों के लिए ही उपयोगी होते हैं ठीक इसी प्रकार संत गृहस्थ आश्रम त्याग कर जनहित, समाज हित और राष्ट्र हित के लिए तत्पर रहते हैं।संत जन अपने को कष्ट देकर भी दूसरों का सदैव भला ही करते हैं और इसीलिए संत को भगवान कहा गया है।