भारतीय बाजार में योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद की व्यावसायिक साख बेहद मजबूत है। गुरुवार को एक बार फिर इसका सबूत एक बार फिर दिखा जब कंपनी के नॉन कन्वर्टिबल डिबेंचर जारी किए गए और सिर्फ 3 मिनट में ही निवेशकों से 250 करोड़ रुपये का इन्वेस्ट हासिल हो गया।
कंपनी सूत्रों के मुताबिक नॉन कन्वर्टिबल डिबेंचर से मिले रकम को पतंजलि आयुर्वेद के सप्लाई चेन नेटवर्क को मजबूत बनाने और दूसरी जरूरतों पर खर्च किया जाएगा। पतंजलि आयुर्वेद ने पहली बार डिबेंचर इश्यू जारी किए और निवेशकों ने उसे खरीदने में बिल्कुल भी देरी नहीं की।
10% पर तीन साल के लिए जारी हुए डिबेंचर
कंपनी ने 10.1 प्रतिशत के कूपन रेट पर तीन साल के लिए डिबेंचर जारी किया है। इन डिबेंचर्स को किसी भी वक्त रिडीम कराया जा सकता है। इस बारे में पतंजलि के प्रवक्ता एसके तिजारावाला ने कहा, कोरोना की वजह से आयुर्वेद से जुड़े उत्पादों के मांग में इजाफा हुआ है। खासतौर से इम्यून बूस्टर वाले उत्पाद ज्यादा डिमांड में हैं। मांग के अनुपात में सप्लाई चेन पर दबाव बढ़ा है। इसे मजबूत करने के लिए डिबेंचर के जरिए फंड जुटाया गया।”
स्टॉक मार्केट में रुचि सोया की धूम
पिछले साल पतंजलि आयुर्वेद ने दिवालिया हो चुकी रुचि सोया को खरीदा था। पतंजलि आयुर्वेद ने दिवालिया प्रक्रिया के तहत 4,350 करोड़ रुपये में रुचि सोया को खरीदा था। इस वक्त खराब दौर के बावजूद स्टॉक मार्केट में रुचि सोया के शेयर्स की धूम है। पतंजलि का नाम जुड़ने के बाद रुचि के स्टॉक की कीमत कई सौ गुना बढ़ी है और निवेशकों ने इससे भारी मुनाफा कमाया है।