हरिद्वार स्थित मां मनसा देवी मंदिर परिसर में हाल ही में हुई भीषण दुर्घटना पर जन अधिकार पार्टी (जनशक्ति) ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए इस हादसे को “व्यवस्थागत लापरवाही” का परिणाम बताया है। पार्टी ने इस त्रासदी में मारे गए श्रद्धालुओं को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए घायल लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।
पार्टी की ओर से प्रदेश के मुख्य सचिव को एक औपचारिक पत्र भेजा गया, जिसमें निम्नलिखित बिंदुओं को उठाया गया:
मुख्य आरोप और सवाल:
प्रशासनिक लापरवाही: मंदिर परिसर में अत्यधिक भीड़ के बावजूद पर्याप्त पुलिस बल और नियंत्रण के अभाव ने हादसे को बढ़ावा दिया।
वन विभाग की चूक: मंदिर क्षेत्र वन भूमि के अंतर्गत आता है। ऐसे में वहां की बैरिकेडिंग को हादसे के समय क्यों हटाया गया – यह एक गंभीर सवाल है।
मंदिर ट्रस्ट की निगरानी विफलता: परिसर में लगे CCTV कैमरे और निगरानी तंत्र के बावजूद भीड़ नियंत्रण में विफलता चौंकाने वाली है।
जन अधिकार पार्टी की प्रमुख मांगें:
- इस पूरे हादसे की निष्पक्ष उच्चस्तरीय जांच कराई जाए।
- दोषी अधिकारियों व संबंधित संस्थाओं पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई हो।
- घायलों के इलाज की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए और आंकड़े सार्वजनिक किए जाएं।
- 2027 के अर्धकुंभ को देखते हुए धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा व भीड़ नियंत्रण की प्रभावी रणनीति बनाई जाए।
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री आज़ाद अली ने कहा:
“देवभूमि उत्तराखंड में श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए। इस तरह की घटनाएं केवल हादसा नहीं, बल्कि शासन-प्रशासन को आईना दिखाने वाली चेतावनी हैं।”
जन अधिकार पार्टी (जनशक्ति) ने स्पष्ट किया है कि यदि इस गंभीर विषय पर जल्द और सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो पार्टी जनहित में जन आंदोलन चलाने से भी पीछे नहीं हटेगी।