देवबंद। (ब्यूरो चीफ खेलेंद्र गांधी)जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं दारुल उलूम के सदर मुदर्रिस मौलाना अरशद मदनी ने मौजूदा वक्फ कानून पर गंभीर चिंता जताई और इसे देश की एकता के लिए खतरा बताया। उन्होंने सभी सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं से एकजुट होने का आह्वान किया।
शुक्रवार को जारी बयान में मौलाना अरशद मदनी ने वक्फ संशोधन कानून-2025 को लेकर कहा कि वक्फ के धार्मिक मामलों में सरकारी हस्तक्षेप न केवल शरीया सिद्धांतों के खिलाफ है बल्कि ये देश की एकता और अखंडता के लिए भी बड़ा खतरा है। उन्होंने कहा कि वक्फ संपत्तियां मुसलमानों की अमानत हैं और उन पर सरकारी नियंत्रण या राजनीतिक प्रभाव धार्मिक संस्थाओं की स्वायत्तता को खत्म करने की साजिश है। मौलाना अरशद मदनी ने चेताया कि अगर समय रहते इस कानून में बदलाव नहीं किया गया तो इससे देश में धार्मिक संघर्ष को बढ़ावा मिलेगा, जो राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक होगा। उन्होंने दो टूक कहा कि हम पहले से कहते आ रहे हैं और फिर कहेंगे कि न हमें अपने मजहबी मामलों में दखलअंजादी बर्दाश्त होगी और न किसी ओर के धार्मिक मामलों में हम हस्तक्षेप करते हैं। उन्होंने सभी धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं से एकजुट होकर इस मुद्दे पर आवाज उठाने का आह्वान किया है।