ऋषिकेश नगर निगम चुनाव के मतगणना स्थल पर आज पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज की घटना ने लोकतांत्रिक मूल्यों और संविधानिक अधिकारों के खिलाफ गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। लोकतंत्र में शांतिपूर्ण प्रदर्शन प्रत्येक नागरिक का मौलिक अधिकार है, और इसे इस प्रकार बलपूर्वक दबाना पूरी तरह से अस्वीकार्य है।
इस घटना के विरोध में, उच्च न्यायालय के अधिवक्ता और संविधान के संरक्षक एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जनाधिकार मोर्चा के रूप में, श्री अभिषेक बहुगुणा ने तत्काल वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, देहरादून को एक पत्र प्रेषित किया है। इस पत्र में उन्होंने निम्नलिखित महत्वपूर्ण बिंदुओं पर कार्रवाई की मांग की है:
- घटना की तुरंत निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच कराई जाए।
- दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।
- भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन उचित कदम उठाए।
- जनता की सुरक्षा और उनके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित की जाए।
जनाधिकार मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं अधिवक्ता अभिषेक बहुगुणा ने स्पष्ट रूप से कहा है कि लोकतंत्र और नागरिक अधिकारों की रक्षा करना एक संवैधानिक जिम्मेदारी है, और इस प्रकार की घटनाओं से लोकतांत्रिक संस्थाओं और नागरिकों के बीच विश्वास कम हो सकता है। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि वे इस मुद्दे को संवेदनशीलता और पारदर्शिता से हल करें, ताकि लोकतंत्र में विश्वास कायम रहे।
अधिवक्ता बहुगुणा ने यह भी कहा कि वह जनता के अधिकारों और सम्मान की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और किसी भी तरह की अव्यवस्था या हिंसा के खिलाफ कानूनी मार्ग से कार्रवाई करेंगे।