हरिद्वार, रिजर्व कोच में रिजर्वेशन मिल नहीं पाता, वेटिंग टिकट वाला यदि रिजर्व कोच में चढ़ जाये तो उस पर जुर्माना लगाया जाता है। और पूरी गाड़ी में जनरल बोगियां दो या तीन रहती हैं।भीड़ के कारण जिसमें चढ़ना एक जंग से कम नहीं होता है।लोग डंडा पकड़ कर सफर करने को मजबूर हो जाता है। यदि अकेला व्यक्ति होता है तो वह जंग जीतकर उस डिब्बे में जैसे तैसे चढ़ भी जाता है। लेकिन जब उसके साथ पत्नी और छोटे छोटे बच्चे होते हैं तब उस व्यक्ति से पूछा जाये कि हमारे देश में बुलेट ट्रेन दौड़ रही हैं इस बारे में उसकी सोच क्या है? तो उसका जबाब होता है कि साहब जी हमारे लिए तो ये सुपर फास्ट ट्रेनें ही पर्याप्त हैं बशर्ते इसमें जनरल बोगियों को बढ़ा दिया जाए हम तो इसमें ही सफर कर लेंगे यदि सहूलियत से बैठने को ही सुविधा मिल जाये।आखिर में व्यक्ति जाये तो जाए कहां? इसलिए मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि प्रत्येक ट्रेन में कम से कम पांच सात बोगियों को बढ़ाया जाए । इससे सरकार की ही आमदनी बढ़ेगी क्योंकि रिजर्व कोच से अधिक जनरल बोगी से आमदनी होती है।