सहारनपुर,कान्हा गौशाला को वर्ल्ड रिकॉर्ड के बाद अब ‘जीएमपी सर्टिफिकेट‘ भी

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सहारनपुर। नगर निगम सहारनपुर द्वारा संचालित माँ शाकुंभरी कान्हा उपवन गौशाला को पैरामाउण्ट क्वालिटी सर्टिफिकेशन दिल्ली/लंदन ने ‘गुड मैनुफैक्चरिंग प्रैक्टिसेज़ सर्टिफिकेट’ (जीएमपी सर्टिफिकेट) प्रदान किया है।

गौशाला प्रभारी डॉ. संदीप मिश्रा ने यह सर्टिफिकेट आज यहां महापौर डॉ. अजय कुमार को भेंट किया। निगम की कान्हा गौशाला देश की ऐसी पहली गौशाला बन गई है जिसे ‘जीएमपी सर्टिफिकेट‘ प्राप्त हुआ है। महापौर डॉ. अजय कुमार व नगरायुक्त शिपू गिरि ने गौशाला प्रभारी डॉ.संदीप मिश्रा को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है।

गौशाला प्रभारी व नगर निगम के पशु चिकित्सा एव कल्याण अधिकारी डॉ. संदीप मिश्रा ने महापौर को बताया कि यह सर्टिफिकेट पैरामाउण्ट क्वालिटी सर्टिफिकेशन दिल्ली/लंदन द्वारा गौशाला में निर्मित किये जा रहे गुणवत्तापूर्ण उत्पादों तथा बेहतर प्रबंधन के लिए दिया गया है। उन्होंने बताया कि गोशाला को पूर्व में भी आईएसओ प्रमाणन, आईबीआर एचीवर अवार्ड एवं सर्वाधिक गो-उत्पाद निर्मित करने के लिए वर्ल्ड रिकॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है। डॉ मिश्रा के मुताबिक आईएसओ प्रमाणन, आईबीआर एचीवर अवार्ड, वर्ल्ड रिकॉर्ड तथा जीएमपी सर्टिफिकेट से सम्मानित होने वाली कान्हा उपवन गौशाला विश्व की पहली गौशाला बन गयी है। डॉ. मिश्रा ने बताया कि नगरायुक्त शिूप गिरि के मार्गदर्शन मे गौशाला में 25 से अधिक गो-उत्पाद निर्मित किए जा रहे हैं जिसमें दूध, घी, छाछ के अलावा गोबर से प्राकृतिक पेंट, बच्चों के खिलौने, ओम, स्वास्तिक, धूप बत्ती, हवन स्टिक, उपले, गो-काष्ठ, प्राकृतिक गुलाल, पंचगव्य साबुन, वर्मी कम्पोस्ट, दिए, गणेश-लक्ष्मी व शिव जी की प्रतिमा, गाय-बछड़े की मूर्ति, संभरानी कप, राखी, नेम प्लेट, तोरण द्वार, तिरंगा चेस्ट बैज, कमल का फूल तथा बायो गैस और गो मूत्र से गोअर्क व गोनाइल आदि सम्मिलित हैं। उन्होंने बताया कि कान्हा उपवन गौशाला प्रदेश की पहली गौशाला जहां विलुप्त हो चुकी बैलगाड़ी संस्कृति को पुनः जीवित करते हुए बच्चों को गो-संवर्धित परिसर में घुमाने के लिए मॉडर्न बुलक कार्ट बनाई गई है।
रिपोर्ट। रमन गुप्ता

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