सहारनपुर। साहिब श्री गुरू तेग बहादुर जी का 350 वां शहीदी पुरब पूरे विश्व में बहुत ही श्रद्धा एवं प्यार से मनाया जा रहा है। इसी उपलक्ष में श्री गुरू सिंह सभा एवं गुरू तेग बहादुर पब्लिक स्कूल के तत्वाधान में श्री गुरू तेग बहादुर जी के बारे में एक गुरमत ज्ञान गोष्ठी का आयोजन जनमंच गांधी पार्क में किया गया। जिसमे लुधियाना से आये डा. सरबजीत सिंह रेनुका ने गुरबानी के आधार पर श्री गुरु तेग बहादुर जी के जीवन के बारे मे बताया।
लुधियाना से आये डा. सरबजीत सिंह रेनुका ने कहा कि अमृतसर में 1 अप्रैल 1621 को पिता गुरु हरगोबिंद साहिब एवं माता नानकी की कोख से जन्म लेने वाले गुरू तेग बहादुर जी का बचपन का नाम त्यागमल था। मात्र 14 वर्ष की अल्पायु में ही उन्होने अपने पिता के साथ मुगलों के हमले के खिलाफ वीरता का परिचय दिया था। इसी वीरता से प्रभावित होकर उनके पिता ने उनका नाम तेग बहादर (तलवार का धनी) रखा था। गुरु तेग बहादर जी ने धर्म और मानवता की रक्षा के लिए 11 नवंबर 1675 को अपने प्राण न्योछावर कर दिये थे, ये मानव इतिहास में मानवाधिकारों के लिये दी गयी शहादत का सबसे बडा उदाहरण बन गया। इसीलिये उन्हे गुरू तेग बहादर धर्म की चादर के नाम से जाना जाता है। आयोजन में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आशीष तिवारी, महापौर डा अजय कुमार सिंह, विधायक राजीव गुम्बर,भाजपा नगर अध्यक्ष शीतल बिश्नोई, सर्व समाज में से महामंडलेश्वर संत कमल किशोर, पंडित राघवेंद्र स्वामी,जैन समाज से राजेश जैन, मुस्लिम समाज से मोहम्मद आलम, ईसाई समाज से फादर सुनील, फादर संजय के अलावा संजीव वालिया, राकेश जैन,महेंद्र तनेजा, सुरेन्दर मोहन चावला, सुपनीत सिंह, राजेंदर कोहली, हनीत राजा आदि के अलवा सभी मॉर्निंग क्लब, व्यापार मंडल, पंजाबी संघठनों के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। इस दौरान प्रधान स. सुजसबीर सिंघ, सीनीयर मीत प्रधान, प्रभजोत सिंघ, मीत प्रधान प्रमिन्द्र सिंघ कोहली, जनरल सकत्तर अमनप्रीत सिंघ, मीत सकत्तर, छवप्रीत सिंघ, स. हरेन्द्र सिंघ चड्ढा, रनजीव सिंघ हरजी, तजिंदर सिंह डंग, कोषाध्यक्ष प्रितीपाल सिंघ जुनेजा , इन्द्रजीत सिंघ खालसा , तीनो स्कूलो के प्रबन्धक सतविन्द्र सिंघ माकन , गुरविन्द्र सिंघ कालरा , जसवंत सिंघ बतरा , स. परमजीत चडढा, एम. पी. सिंह चावला, बलबीर सिंघ धीर, गुरप्रीत बग्गा इन्द्रजीत सिंघ बत्रा आदि मोजूद रहे।
रिपोर्ट। रमन गुप्ता













