सहारनपुर,पेरालाइसिस से बचने के लिए महत्वपूर्ण हैं शुरूआती तीन घंटे: संजीव मिगलानी

0
17

सहारनपुर ।रिपोर्ट। रमन गुप्ता) हर साल की तरह इस बार भी 29 अक्टूबर को व‌र्ल्ड पेरालिसिस डे के रूप में मनाया जा रहा है। धीरे-धीरे बढ़ रहे इस रोग के मरीजों की वजह से अब चिकित्सक भी चितित हैं। कई बार पेरालिसिस से मरीज की मौत भी हो जाती है।

महानगर के प्रमुख चिकित्सक डा. संजीव मिगलानी ने बताया कि दिमाग में खून की सप्लाई के बंद होने की वजह से पेरालिसिस हो जाता है। कई बार पेरालिसिस स्ट्रोक में ब्रेन हेमरेज भी हो जाता है, जिससे मरीज की मौत हो जाती है। सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण पेरालिसिस अटैक के शुरुआती तीन घंटे हैं। यदि समय रहते मरीज को चिकित्सक के पास ले जा सके तो मरीज के अंग खराब होने की संभावना काफी कम हो जाती है। पेरालिसिस होने पर मरीज के शरीर का कोई भी एक हिस्सा काम करना बंद कर देता है, जिससे मरीज दिव्यांग जैसी स्थिति में आ जाता है। उन्होंने बताया कि पेरालिसिस से बचने के लिए ब्लड प्रेशर नियंत्रित करना चाहिए। साथ ही शुगर के मरीजों को अपनी शुगर पर कंट्रोल रखना चाहिए। कई बार पेरालिसिस का खतरा उन लोगों को भी रहता है, जिनके परिवार में लकवा पूर्व में किसी को रहा हो।

पेरालिसिस के कारण

-हाई बीपी, डायबिटीज, हाई कोलस्ट्रोल, धूम्रपान, हार्ट की बीमारी, फैमिली हिस्ट्री।

पेरालिसिस के लक्षण

शरीर के एक हिस्से में कमजोरी का आ जाना, चलने में लड़खड़ाना, आंखों में धुंधलापन होना और दो-दो नजर आना, जुबान का लड़खड़ाना, हाथ-पैर का सुन हो जाना तथा चेहरे का टेहडा हो जाना।
रिपोर्ट। रमन गुप्ता

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here