उत्तराखंड के जिला अस्पताल के पोस्ट-मार्टम कक्ष में एक मृतक के शव की आँख को चूहों द्वारा कुतरने की शर्मनाक घटना ने पूरे राज्य की स्वास्थ्य प्रणाली पर बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है। जन अधिकार पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव हेमा भंडारी ने इस अमानवीय और संवेदनहीन घटना पर गहरा दुःख एवं तीव्र आक्रोश व्यक्त किया है।
अस्पताल में लापरवाही का यह मामला पहली बार नहीं है — इससे पूर्व भी जिला अस्पताल में शवों के सड़ने, शीतगृह की कमी तथा प्रबंधन की ढिलाई के कई मामले सामने आने पर पार्टी पदाधिकारियों ने सीएमएस को शिकायत दर्ज कराई थी, परंतु स्थिति में कोई सुधार नहीं किया गया।
घटना की पुष्टि हुई मुख्य लापरवाहियाँ —
• पोस्ट-मार्टम कक्ष के दोनों फ्रीज़र लंबे समय से खराब पड़े थे, जिसके कारण शव को टेबल पर छोड़ दिया गया।
• शव की सुरक्षा व व्यवस्था हेतु कोई कर्मचारी तैनात नहीं था।
• प्रशासनिक उपेक्षा के कारण शव को संरक्षण के बुनियादी मानक भी नहीं मिले।
हेमा भंडारी ने रोष जताते हुए कहा कि “यह घटना केवल एक मृत शरीर के अनादर की नहीं, बल्कि हमारे स्वास्थ्य संस्थानों की पूर्ण प्रशासनिक विफलता और अत्यधिक लापरवाही को उजागर करती है। इस स्तर की घटना किसी भी सभ्य समाज में अस्वीकार्य है। स्वास्थ्य मंत्री की निगरानी में गंभीर कमियां स्पष्ट रूप से सामने आई हैं। जन अधिकार पार्टी निम्न मांगें तत्काल प्रभाव से करती है —
- दोषी अधिकारियों व कर्मचारीगण के खिलाफ तुरंत विभागीय एवं दंडात्मक कार्रवाई की जाए।
- स्वास्थ्य मंत्री इस घटना पर सार्वजनिक रूप से जवाबदेही स्वीकार करें
- राज्य के सभी जिला अस्पतालों में पोस्ट-मार्टम कक्षों की तत्काल मरम्मत, फ्रीज़र की उपलब्धता, मेंटेनेंस एवं समय-समय पर निरीक्षण अनिवार्य किया जाए।
- मृतक के परिजनों को सम्मानजनक मुआवजा तथा उचित सहायता प्रदान की जाए।”
हेमा भंडारी ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार संबंधी ठोस कदम शीघ्र नहीं उठाए गए, तो जन अधिकार पार्टी जनता के साथ मिलकर सड़कों पर उतरकर राज्य-व्यापी आंदोलन करेगी।














