हरिद्वार,महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने धर्म संसद से नाता तोड़

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हरिद्वार महामंडलेश्वर स्वामी यति नरसिंहानंद गिरि महाराज ने कहा कि अब वह सार्वजनिक जीवन में सक्रिय नहीं रहेंगे। वो अपना पूरा जीवन धर्म और अध्यात्म की सेवा में गुजारेंगे। साथ ही, अब कोई धर्म संसद आयोजित नहीं करेंगे। उन्होंने यह बातें जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (पूर्व का नाम वसीम रिजवी) की जमानत पर रिहाई के बाद प्रेस नोट जारी कियायति नरसिंहानंद ने कहा कि जितेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिजवी के सम्मान के लिए खुद एक महीने जेल में रहकर आए। वसीम रिजवी की जमानत के लिए चार महीने से ज्यादा कानूनी लड़ाई लड़ी।

इस पूरी लड़ाई में हिंदू समाज की जितेंद्र त्यागी जैसे योद्धा के प्रति उदासीनता से खिन्न होकर उन्होंने अपने बचे हुए जीवन को महादेव के महायज्ञ और योगेश्वर श्रीकृष्ण की श्रीमद्भगवद् गीता को समर्पित करने का संकल्प लिया है।महामंडलेश्वर स्वामी यति नरसिंहानंद गिरि महाराज ने कहा कि वर्ष 2012 में उन्होंने उत्तर प्रदेश के देवबंद से धर्म संसद का सिलसिला शुरू किया था, जो आज पूरी तरह से समाप्त हो गया है। उन्होंने यह बात अपने शिष्य जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी के अंतरिम जमानत पर रिहा होने के बाद कही। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जीवन में उन्होंने समाज में चेतना लाने की कोशिश की, लेकिन अपनी और अपने शिष्य की दुर्गति से वह बेहद क्षुब्ध हैं। इसलिए सामाजिक जीवन को छोड़ते हुए वह अब पूरी तरह से धार्मिक जीवन जीएंगे। महामंडलेश्वर स्वामी यति नरसिंहानंद गिरि महाराज ने कहा कि जितेंद्र नारायण त्यागी की रिहाई के लिए उन्होंने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी, लेकिन समाज का जो उदासीन रवैया सामने आया है।

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