उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बुधवार को नए कृषि कानूनों को किसानों की आय दोगुना करने के लक्ष्य की ओर एक बड़ा कदम बताया और कहा कि इसके माध्यम से किसानों को स्वतंत्रता प्रदान की गयी है। हरिद्वार के ऋषिकुल मैदान में आयोजित किसान सम्मेलन को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि कृषि सुधार कानून किसानों के हित में बनाए गये हैं और उनकी आय दोगुनी करने के भारत सरकार के लक्ष्य की ओर एक बड़ा कदम हैं। उन्होंने कहा कि कृषि सुधार कानून के माध्यम से किसानों को स्वतंत्रता प्रदान की गयी है और अब किसान को जहाँ अच्छा मूल्य मिलेगा, वहाँ वह अपनी फसल बेचेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर बनाए गए इन कानूनों में किसानों के लिए अनेक विकल्प रखे गये हैं। उन्होंने कहा कि जहां पहले केवल मण्डी ही खरीददारी करती थी वहीं आज खुले बाजार की व्यवस्था भी की गई है।
मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, किसानों की आय दोगुना करना चाहते हैं कृषि कानून के समर्थन में हरिद्वार जिले के भाजपा विधायकों ने किसान रैली निकाली। रैली के जरिये उन्होंने किसानों को कृषि कानून के फायदे बताए। रैली को वर्चुअल संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि कृषि सुधार कानून के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की आय दोगुनी करने का बीड़ा उठाया है। मगर कांग्रेस किसानों को गुमराह कर उनका नुकसान करना चाहती है।
बुधवार को हरिद्वार के ऋषिकुल मैदान से शुरू हुई रैली में जिले भर के किसान अपने-अपने ट्रैक्टर लेकर रैली में पहुंचे। कि कृषि कानून से किसानों को स्वतंत्रता दी गई है कि जहां अच्छा मूल्य मिले, किसान वहां अपनी फसल बेच सकता है। उन्होंने कहा कि एमएसपी समाप्त करने के संबंध में किसानों में भ्रम फैलाने का प्रयास हो रहा है, जबकि एमएसपी समाप्त नहीं की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसान हितों के लिए लगातार बड़े फैसले ले रही है।
राज्य की सरकारी गन्ना मिलों की ओर से गन्ना किसानों को सौ प्रतिशत भुगतान कर दिया गया है। धान मूल्य का भुगतान आरटीजीएस के माध्यम से बिल प्राप्त होने के 24 घंटे के अंदर किसानों के खाते में जमा की जा रही है। निजी क्षेत्र की बंद पड़ी इकबालपुर शुगर मिल को 36 करोड़ की गारंटी देकर खुलवाया है, ताकि किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान हो सके। राज्य में खाद्य की सब्सिडी दो साल पहले से ही दी जा रही है। किसानों को तीन लाख तक का ऋण बिना ब्याज का दिया जा रहा है।
शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि बिल को लेकर कांग्रेस किसानों को गुमराह कर रही है। जबकि सरकार ने बिल लाने से पहले किसान नेताओं से वार्ता की और तीनों बिंदुओं पर बात मानी गई। लेकिन, बाद में कांग्रेस के बहकावे में आकर कुछ संगठनों ने बिल का विरोध शुरू कर दिया। महामंत्री संगठन अजय कुमार ने कहा कि अनुबंध खेती में किसान को यह अधिकार है कि वह कभी भी अनुबंध तोड़ सकता है, जबकि अनुबंध लेने वाले को यह अधिकार नहीं होगा। जिलाध्यक्ष जयपाल सिंह चौहान ने कहा कि कृषि कानून में जमीन का कोई अनुबंध नहीं, सिर्फ फसल का एग्रीमेंट होगा।
किसानों को हरिद्वार ग्रामीण विधायक यतीश्वरानन्द, रानीपुर विधायक आदेश चौहान, खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन, लक्सर विधायक संजय गुप्ता, ज्वालापुर विधायक सुरेश राठौर, रुड़की विधायक प्रदीप बत्रा, झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल, शिवालिकनगर पालिका चेयरमैन राजीव शर्मा ने भी कृषि कानूनों के फायदे गिनाए। दर्जाधारी सुशील चौहान, कल्पना सैनी, भाजपा नेता मयंक गुप्ता, सुबोध राकेश, हरजीत सिंह, विकास तिवारी आदि मौजूद रहे। जिलाध्यक्ष डा. जयपाल सिंह चौहान की अगुवाई में ऋषिकुल मैदान से शुरू हुई रैली ज्वालापुर में जटवाड़ा पुल पर खत्म हुई।