हरिद्वार,सोमवती अमावस्या स्नान को लेकर पांच सुपर जोन और 39 सेक्टरों में बांटा मेला क्षेत्र

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हरिद्वार, सोमवती अमावस्या स्नान को लेकर पुलिस विभाग ने कमर कस ली है वही स्नान को लेकर पांच सुपर जॉन और 39 सेक्टरों में मेला क्षेत्र को बांटा गयाजिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने रविवार को ऋषिकुल ऑडिटोरियम में आज होने वाली सोमवती अमावस्या स्नान पर्व हेतु नियुुक्त पुलिस/प्रशासनिक, जोनल और सेक्टर मजिस्ट्रेट की संयुक्त ब्रीफिंग में प्रतिभाग किया। व्यवस्था की दृष्टि से सोमवती अमावस्या स्नान पर्व के लिये पूरे मेला क्षेत्र को पांच सुपर जोन, सोलह जोन तथा 39 सेक्टरों में विभाजित किया गया है।

मिली जानकारी अनुसार रविवार को ऋषिकुल ऑडिटोरियम में सोमवती अमावस्या स्नान पर्व के लिए नियुुक्त पुलिस/प्रशासनिक, जोनल और सेक्टर मजिस्ट्रेट की संयुक्त ब्रीफिंग की गई। डीएम विनय शंकर पांडेय ने कहा कि सोमवती अमावस्या स्नान पर्व पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। जहां पर भी कर्मियों की तैनाती है उसे अच्छी तरह से देख लें। सभी व्यवस्थाएं पूर्व में ही सुनिश्चित कर लें। यातायात रूट प्लान की योजना का कड़ाई से पालन कराएं।

स्नान सम्पन कराने मे

पांच अपर पुलिस अधीक्षक, 13 पुलिस उपाधीक्षक, 21 निरीक्षक/थानाध्यक्ष, 65 उपनिरीक्षक, 19 महिला उपनिरीक्षक, 143 अपर उप निरीक्षक पीटीसी, 40 पीएसी गुल्म नायक, 220 हेड कांस्टेबल प्रशिक्षु एटीसी, 107 मुख्य आरक्षी, 292 आरक्षी, 74 महिला आरक्षी, दो यातायात निरीक्षक, दो टीइसआई, 16 हेट कांस्टेबल टीपी, 27 कांस्टेबल टीपी, 12 अभिसूचना ईकाई के जवान, तीन टीमें बीडीएस/डॉग स्क्वायड, घुड़सवार पुलिस की दो टीम, चार घोड़े, जल पुलिस- 20 कर्मचारी, पीएसी तीन कंपनी, दो प्लाटून, डेढ़ सेक्शन की तैनाती रहेगी।

जिलाधिकारी ने ब्रीफिंग में मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिये कि मेला क्षेत्र के हरकीपैड़ी, रोड़ीबेलवाला, सिंहद्वार, चण्डीघाट, शंकराचार्य चैक आदि स्थानों पर, जिसमें डाॅक्टर, दवा, स्टाफ सहित सभी व्यवस्थायें हों, एम्बुलेंस की व्यवस्था करना सुनिश्चित करें ताकि आपातकाल में जरूरतमन्दों को जिस तरह के इलाज की जरूरत हो, तुरन्त उपलब्ध कराया जा सके।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने ब्रीफिंग को सम्बोधित करते हुये कहा कि सोमवती अमावस्या स्नान पर्व इस वर्ष का दूसरा स्नान पर्व है। उन्होंने कहा कि हर स्नान पर्व की अपनी महत्ता व चुनौती होती है। उन्होंने कहा कि स्नान पर्व की ड्यूटी भी वीआईपी ड्यूटी की तरह ही होती है। प्रत्येक तैनाती स्थल पर आपको परिस्थितियों के अनुसार महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करना है।

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