हरिद्वार,हैंड-फुट और माउथ डिजीज में लगातार मारिजो मे उछाल आ रहा है वही बाहर देश मे यह बीमारी बहुत फैल चुकी है लेकिन अब तो यह बीमारी धर्मनगरी हरिद्वार में भी आ गई है जिला अस्पताल में हर रोज एक न एक बच्चे के परिजन इस बीमारी को लेकर ओपीडी में आ रहे हैं
मिली जानकारी अनुसार जिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अखिलेश चौहान के मुताबिक एचएफएमडी से बच्चों को खतरा नहीं है, लेकिन लक्षणों के दिखते ही तुरंत इलाज कराना चाहिए। एचएफएमडी होने पर बच्चे को हल्का बुखार होने के साथ-साथ पैरों और हाथों पर लाल रंग के दाने भी निकल सकते हैं।
निजी अस्पताल के संचालक डॉ. अखिलेश चौहान ने बताया कि इस रोग से पीड़ित एक बच्चे का उनके अस्पताल में इलाज भी चल रहा है। अस्पतालों में बच्चों में हाथ, पैर और मुंह की बीमारी (एचएफएमडी) के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। जिसके बाद वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कई कदम उठाए गए हैं।
चिकित्सकों के मुताबिक जो बच्चे इस वायरस से संक्रमित होते हैं उनके शरीर में चकत्ते निकल जाते हैं, उनमें से कुछ को जोड़ों में दर्द, पेट में ऐंठन, जी मिचलाना, थकान-उल्टी आना, डायरिया, खांसी, छींक आना, नाक बहना, तेज बुखार और शरीर में दर्द की भी शिकायत होती है।
अगर कोई संक्रमित है तो उसको अन्य लोगों को संपर्क में नहीं आना चाहिए। आइसोलेशन में रहना जरूरी है। इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए संक्रमितों के बर्तन, कपड़े रोजमर्रा में इस्तेमाल की जाने वाली अन्य वस्तुओं को साफ करना चाहिए। संक्रमित के संपर्क में किसी को नहीं आना चाहिए।