हरिद्वार, इंटरनेशनल एयर पोर्ट के लिए जमीन की तलाश जारी

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हरिद्वार,एक दिवसीय हरिद्वार दौरे पर आए जिले के प्रभारी और पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने सोमवार को जिलाधिकारी के साथ अहम बैठक की। सरकारी की एक सर्वाधिक महत्वपूर्ण योजना से अवगत कराते हुए मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में योग, पर्यटन की अपार संभावनाओं को देखते हुए सरकार अगले 9 साल में प्रदेश को दुनिया के बड़े शहरों से सीधे जोड़ना चाहती है।

इसके लिए हरिद्वार और देहरादून के बीच एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे की जरूरत है। इसे तैयार करने के लिए पांच किमी लंबी और आधा किमी चौड़ी हवाई पट्टी बनाने के लिए भूमि की आवश्यकता पड़ेगी। इस भूमि को तलाशने के लिए उन्होंने जिलाधिकारी सी रविशंकर को कहा है, ताकि भूमि मिलते ही हवाई अड्डा बनाने का कार्य शुरू कराया जा सके। सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखंड में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। देश ही नही दुनिया के लोग भी इस पावन भूमि को देखना चाहते है। कई देशों से लोग सिर्फ उत्तराखंड की शांत वादियां घूमने आते है इन सभी पर्यटकों को सीधे उत्तराखंड लाने के लिए एक बड़े हवाई अड्डे को तैयार किया जाना है। इसके लिए अब भूमि की तलाश की जा रही है। इस हवाई अड्डे पर एयर बॉब 380, बोइंग 777 जैसे बड़े व्हाइट बॉडी प्लेन उतारने की सरकार की योजना है। हमारा प्रयास है कि 2030 तक इस हवाई अड्डे का लाभ दुनिया के पर्यटक ले सकें। इससे न केवल योग सीखने विदेशी हमारी धरती पर सीधे पहुंच सकेंगे बल्कि चार धाम यात्रा के लिए भी लोग आसानी से आ सकेंगे।

देहरादून हरिद्वार के बीच अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए जमीन तलाशने को कमेटी गठित कर दी गई है। डीएम की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है। हरिद्वार में अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट उतर सकेंगी। इससे पूरे क्षेत्र में रोजगार के नये अवसर पैदा होंगे। चार धाम, गंगा दर्शन, योगा, धर्मनगरी में संत महात्माओं से मिलने वाले सीधे अंतरराष्ट्रीय स्थलों से यहां आ सकेंगे। जौलीग्रांट में जमीन की कमी के कारण विस्तार में तमाम दिक्क्तें हैं। इस वजह से नए एयरपोर्ट की संभावनाएं देखी जा रही हैं। इससे रोजगार, पर्यटन बढ़ेगा।

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