हरिद्वार, करोनो काल के बाद से बंद कावड़ यात्रा इस साल शुरू की गई जिसको लेकर पुलिस प्रशासन ने अपनी कमर कस ली है वही इस वार 4.5 करोड़ कावड़ यात्री आने की संभावना जताई जा रही
वही इसको लेकर आज रूट डायवर्ट करने के लिए कांवड़ यात्रा के दौरान 20 जुलाई तक दिल्ली-हरिद्वार हाईवे सुचारू रहेगा। 20 जुलाई के बाद हाईवे पर दिन में भारी वाहन प्रतिबंधित किए जाएंगे। यूपी, दिल्ली सहित अन्य पड़ोसी राज्यों से आने वाले भारी वाहन पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेंगे। 20 से 22 जुलाई तक रात 12 बजे से सुबह 7 बजे तक ही भारी वाहनों को छूट रहेगी।
23 और 24 को रात्रि 12 बजे से सुबह 4 बजे तक माल लाने-ले जाने की छूट दी जाएगी। 25 से 27 तक मार्ग पूरी तरह बंद रहेंगे। साथ ही ट्रैफिक भी डायवर्ट रहेगा। यह जानकारी जिलाधिकारी ने उद्यमियों को बैठक के दौरान दी। मंगलवार को जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने कलक्ट्रेट सभागार में सिडकुल, रुड़की और भगवानपुर के उद्योगपतियों के साथ कांवड़ यात्रा को देखते हुए बैठक की।एसपी ट्रैफिक हिमांशु वर्मा ने बताया कि दिल्ली से देहरादून-ऋषिकेश जाने वाले सभी छोटे-बड़े वाहनों को प्राथमिक तौर पर रामपुर तिराहे से देवबंद से गागलहेड़ी होते हुए छुटमलपुर बिहारीगढ़ से देहरादून और ऋषिकेश के लिए डायवर्ट किया जाएगा। हरिद्वार सीमा में प्रवेश करने वाले दिल्ली से देहरादून, ऋषिकेश जाने वाले छोटे-बड़े वाहनों को बिझौली से एनएच-344 से भगवानपुर से मंडावर, छुटमलपुर, बिहारीगढ़ होते हुए देहरादून और ऋषिकेश की तरफ डायवर्ट किया जाएगा मुरादाबाद, बिजनौर, नजीबाबाद की ओर से आने वाले ट्रैक्टर-ट्राली, बस व अन्य वाहनों को 4.2 किमी से डायवर्ट कर गौरीशंकर पार्किंग एवं नीलधारा पार्किंग में लाया जाएगा। देहरादून से दिल्ली-मेरठ, मुजफ्फरनगर की ओर जाने वाले वाहन डाटकाली मंदिर टनल से बिहारीगढ, छुटमलपुर होते हुए दिल्ली की ओर जाएंगे। पर्वतीय क्षेत्रों से ऋषिकेश के रास्ते दिल्ली, मेरठ व मुजफ्फरनगर जाने वाले वाहन नटराज चौक से भानियावाला होते हुए देहरादून से डाटकाली मंदिर टनल से बिहारीगढ़, छुटमलपुर होते हुए दिल्ली की ओर जाएंगे। पर्वतीय क्षेत्रों से ऋषिकेश के रास्ते नजीबाबाद, बिजनौर की ओर जाने वाले वाहन नेपाली तिराहा से दूधाधारी चौक से चंडी चौक से बाएं चंडी पुल होते हुए नजीबाबाद की ओर जाएंगे।
13 जुलाई से सावन मास का शुभारंभ हो रहा है। सावन मास शुरू होते ही दूर-दराज के शिवभक्त गगंगोत्री, हरिद्वार, ऋषिकेश, ब्रजघाट से कंधों पर गंगाजल लेकर चलेंगे। महाशिवरात्रि 26 जुलाई को है, इस दिन कांवड़ियां भगवान आशुतोष का जलाभिषेक करेंगे। पिछले दो सालों से कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण यह कांवड़ यात्रा बंद रही थी। अब कोरोना का संक्रमण कम हो चुका है, इसलिए कांवड़ यात्रा पर जाने वाले शिवभक्तों में काफी उत्साह है।