हरिद्वार, निरजनी अखाड़े की पेशबाई देखने को उमड़ा जनसैलाब

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श्री निरंजनी अखाड़ा की पेशवाई एसएमजेएन कॉलेज से निकाली गई। एसएमजेएन कॉलेज से पेशवाई के दौरान ऋषिकुल से प्रेमनगर आश्रम की तरफ जाने वाले यातायात को पुराना रानीपुर मोड़ से भगतसिंह चौक भेजा गया। हरिद्वार महाकुंभ के क्रम में बुधवार को पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी की भव्य पेशवाई निकाली गई। इस दौरान बड़े-बड़े ढोल और गाजे-बाजे के साथ पेशवाई का स्वागत किया गया। संत और महंतों पर फूलों की बारिश हुई। ऊंट, हाथी, चांदी के सिंहासन और रथ पेशवाई के मुख्य आकर्षण रहे। पेशवाई में देवभूमि की संस्कृति की झलक दिख रही है और कोविड से बचाव का संदेश भी दिया जा रहा है। कुमाऊं का छोलिया नृत्य, गढ़वाल एवं जौनसार की सांस्कृतिक टीमें पेशवाई का आकर्षण हैं। डमरू की थाप पर नागा संन्यासी भोलेनाथ का तांडव नृत्य करते हुए चल रहे हैं। सहारनपुर, हापुड़, देहरादून, नासिक के बैंड बाजों की गूंज है।

आपको बता दें कि चार मार्च को गुघाल मंदिर पांडेयवाला से श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा और अग्नि अखाड़े की पेशवाई निकलेगी। आर्यनगर चौक से कनखल की तरफ न जाकर पेशवाई ऊंचा सड़क, आर्यनगर चौक से होते हुए सीधे मायादेवी मंदिर कैंप से सटे मैदान और रामलीला मैदान में बनी छावनियों में पहुंचेगी।
पांच मार्च को गुघाल मंदिर पांडेयवाला से ही श्रीपंच दशनाम आह्वान अखाड़ा की पेशवाई भी जूना एवं अग्नि अखाड़े के पेशवाई रूट से होते हुए अपनी छावनी में पहुंचेगी। इसी तरह एसएमजेएन कालेज से ही आनंद अखाड़े की पेशवाई इसी मार्ग से होते हुए श्रवणनाथनगर में अपनी छावनी में पहुंचेगी।

धर्मनगरी के लोगों की ओर से पेशवाई पर की गई पुष्प वर्षा से सड़कें रंग-बिरंगी हो गईं। बुधवार को एसएमजेएन पीजी कॉलेज से पेशवाई शुरू हुई तो धर्मनगरी के लोगों ने गुलाब, गेंदे और विभिन्न प्रकार के फूल बरसा कर साधु-संतों का स्वागत किया गया

हर-हर महादेव’ व ‘जय गंगा मैया’ के उद्घोष गगनमंडल गुंजायमान हो उठा। एक ओर पैरा-ग्लाइडर व हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा हो रही थी तो दूसरी ओर दस किमी लंबे पेशवाई मार्ग के दोनों मकान व दुकानों की छत पर खड़े श्रद्धालु भी भावविभोर हो पेशवाई पर फूलों की वर्षा कर रहे थे। पेशवाई में शामिल 30 से अधिक बैंड दल अपने मधुर संगीत से वातावरण में भक्ति का रस घोल रहे थे।

भव्य पेशवाई के साथ ही तपोनिधि श्रीपंचायती अखाड़ा निरंजनी और आनंद अखाड़े के नागा संन्यासियों व संतों ने निरंजनी अखाड़े की छावनी में प्रवेश किया। इनमें अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि, अखाड़ा परिषद अध्यक्ष एवं निंरजनी अखाड़े के श्रीमहंत नरेंद्र गिरि, निंरजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी, श्रीमहंत रामरतन गिरि, आनंद पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरि समेत कई प्रमुख संत शामिल रहे। पेशवाई में शामिल नागा संन्यासियों व संत- महात्माओं के दर्शनों को दिनभर सड़क के दोनों ओर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही। सुबह करीब 11 बजे शुरू हुई पेशवाई शंकर आश्रम, सिंहद्वार, कनखल, शंकराचार्य चौक, तुलसी चौक, रेलवे रोड शिवमूर्ति व ललतारौ पुल होते हुए देर शाम निंरजनी अखाड़े में जाकर संपन्न हुई।

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