प्रेम नगर आश्रम हरिद्वार में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उत्तराखण्ड के 25 वें प्रांत अधिवेशन के द्वितीय सत्र का शुभारंभ..परिषद गीत से किया गया। इसके बाद अधिवेशन में तीन प्रस्तावों को प्रस्तुत किया गया।
पहला प्रस्ताव – शिक्षा का वर्तमान परिदृश्य, जिसे प्रदेश मंत्री ऋषभ रावत ने प्रस्तुत किया।
दूसरा प्रस्ताव – उत्तराखंड का वर्तमान परिदृश्य जिसे प्रांत सह मंत्री अमन पंत ने पेश किया।
तीसरा प्रस्ताव प्रदेश सहमंत्री किरण कठैत ने पेन किया जिसका विषय ..
“उत्तराखंड में सशक्त भू कानून एवं मूल निवास की आवश्यकता” था उक्त प्रस्तावों का अनुमोदन विभाग संयोजक चमोली अजय भंडारी, गढ़वाल संयोजक आयुष हटवाल, प्रांत सह छात्रा प्रमुख दीक्षा सोनी, विभाग सह संयोजक चमोली- संतोष त्रिवेदी, जिला संयोजक कोटद्वार – आयुष त्रिपाठी, विभाग छात्रा प्रमुख पौड़ी-पूजा पोखरियाल ने किया
उक्त प्रस्ताव संलग्न है……..
अधिवेशन में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी सम्मिलित हुए तथा उन्होंने अधिवेशन की प्रदर्शिनी का अवलोकन किया । कार्यक्रम में उक्त प्रस्ताव में मुख्य रूप से निम्न मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया गया..। शिक्षा का वर्तमान परिदृश्य पर बोलते हुए प्रदेश मंत्री ऋषभ रावत ने कहा कि समर्थ पोर्टल सही से काम नहीं कर रहा है सरकार शैक्षणिक कैलेंडर को लागू करने में विफल रही। जिसके कारण छात्र संघ चुनाव भी नहीं हो पाए। एबीवीपी की प्रदेश सह मंत्री किरण कठैत ने कहा कि उत्तराखंड में चारों धाम है और इसे देवभूमि के नाम से जाना जाता है उत्तराखंड में नशे का कारोबार फल-फूल रहा है जिस पर लगाम लगाने की जरूरत है अंधाधुंध खुलते शराब के ठेकों से देवभूमि की छवि खराब हो रही है । सरकार को इस पर नियंत्रण करें । सरकार मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा दे तथा डेमोग्राफी चेंज पर सख्ती बरतते हुए बांग्लादेशी घुसपैठियों को चिन्हित करने का काम करें। विद्यार्थी परिषद मांग करती है कि सरकार उत्तराखंड में सरकार मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा दे, आयुष्मान कार्ड को प्राइवेट हॉस्पिटल में लागू किया जाए, डेमोक्रेटिक चेंज पर सरकार सख्ती से कम करें तथा उत्तराखंड में बसे बांग्लादेशी घुसपैठियों चिन्हित करने का काम करें । इस अवसर पर
प्रो० डिगर सिंह, कैलाश बिष्ट, कंचन पंवार, यशवन्त पंवार,कुशाग्र वर्मा, आशु आशु मलिक, शिप्रा वसेड़ा , कृष्णा, डा. अमित शर्मा , विभाग संगठन मंत्री हरिद्वार मनीष राय उपस्थित रहे।