हरिद्वार, आज रुड़की डिपो को हरिद्वार में विलय होने की सूचना मिलते ही कर्मचारियों में आक्रोश उत्पन्न हो गया। कर्मचारी संगठनों ने संयुक्त मोर्चे का गठन करते हुए आंदोलन शुरू कर दिया। साथ ही शहर के विधायक एवं महापौर को इस संबंध में ज्ञापन दिया है। कर्मचारियों के साथ जनप्रतिनिधियों एवं अन्य संगठनों ने भी धरने पर शामिल होकर इस निर्णय का विरोध किया।
मिली जानकारी अनुसार आज रुड़की डिपो को हरिद्वार में विलय कर दिया है हरिद्वार मे पहले से ही बस स्टैंड से 60 बसें संचालित हैं जिसमें रुड़की के 30 बसें और मिलने पर 90 बसें संचालित हो जाएंगी
वही इसकी जानकारी मिलते ही इस फैसले की जानकारी मिलते ही विभिन्न रोडवेज कर्मचारियों के संगठनों ने एक संयुक्त मोर्चा का गठन किया। इसके बाद बस अड्डे पर धरना शुरू कर दिया गया। उन्होंने कहा कि रुड़की डिपो करीब 1960 में अस्तित्व में आ गया था। उत्तर प्रदेश के समय में यहां से आगरा, अलीगढ़, जयपुर एवं मुरादाबाद समेत विभिन्न जिलों को बसों का संचालन होता था। लेकिन, उत्तराखंड परिवहन निगम ने पहले तो यहां के बस बेड़े को कम करने का काम किया। जबकि रुड़की में तमाम राष्ट्रीय स्तर के संस्थान है। शिक्षा का हब होने की वजह से पूरे देश के छात्र यहां पर आते हैं। रुड़की डिपो में बसों को बढ़ाने के बजाए उसको बंद करने का निर्णय पूरी तरह से गलत है। इससे जनता को काफी परेशानी होगी। कर्मचारियों ने एलान किया कि वह सरकार के इस निर्णय के खिलाफ है और आंदोलन करेंगे। इस मौके पर इस मौके पर जगदीश बहुगुणा, उदयवीर सिंह, हरेंद्र, अरुण, मामराज, सतीश, सुनील शर्मा, सोम प्रकाश, सर्वेश, संदीप गोयल, सुमन, कुलदीप चौधरी, राजकुमार छोकर, इंद्रपाल सिंह, शेर अली, तेजवीर, सोम प्रकाश, सत्यवीर सिंह, आदि मौजूद रहे। स्थानीय यात्रियों को होगी परेशानी